लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पांच प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों को नया नाम देने का फैसला लिया है। यह परिवर्तन तकनीकी शिक्षा को सांस्कृतिक गौरव, सामाजिक मूल्यों और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों से जोड़ने की एक पहल के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुए निर्णय को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की स्वीकृति भी मिल गई है।
यह बदलाव गोंडा, बस्ती, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और मैनपुरी में स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों पर लागू होगा। शनिवार को इस संबंध में विशेष सचिव विनोद कुमार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई।
बदले गए कॉलेजों के नाम इस प्रकार हैं:
- प्रतापगढ़:अब यह कॉलेज “भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज” के नाम से जाना जाएगा।
- मिर्जापुर:इस कॉलेज का नाम बदलकर “सम्राट अशोक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज” कर दिया गया है।
- बस्ती:इसे नया नाम मिला है – “भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज”।
- गोंडा:यहां का कॉलेज अब “मां पाटेश्वरी देवी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज” कहलाएगा।
- मैनपुरी:कॉलेज का नया नाम रखा गया है – “लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज”।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह केवल नामकरण नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को आदर्श और नैतिक मूल्यों से जोड़ने की कोशिश है। सरकार चाहती है कि छात्र तकनीकी उत्कृष्टता के साथ साथ देश की विरासत और महान व्यक्तित्वों से भी प्रेरणा लें।
चुनावी पृष्ठभूमि में अहम बदलाव
उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार द्वारा किया गया यह कदम शैक्षिक संस्थानों को सांस्कृतिक पहचान देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इन नामों के जरिए सरकार विभिन्न वर्गों को प्रतिनिधित्व देने और सामाजिक समरसता का संदेश देना चाहती है।
माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से और माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार के तकनीकी संस्थान अब तकनीक के साथ युवाओं के लिए प्रेरणा के केंद्र भी बनेंगे।
इन संस्थानों के नए नाम छात्रों को सिर्फ डिग्री ही नहीं, महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर नई दिशा भी… pic.twitter.com/iQMFblNjwp— Ashish Patel (@ErAshishSPatel) June 28, 2025