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27 साल बाद राजीव की हत्यारिन को मिली एक महीने की परोल

न्यूज डेस्क

पिछले 27 साल से वेल्लूर की विशेष महिला जेल में बंद नलिनी श्रीहरण को एक महीने की परोल मिली है। नलिनी दुनिया में सबसे लंबे वक्त तक सजा काटने वाली महिला कैदी है। वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही है।

नलिनी ने व्यक्तिगत रूप से दलील रखकर अपनी बेटी की शादी में इंतजाम करने के लिए राहत देने की दरख्वास्त की थी।

जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एम. निर्मल कुमार की पीठ ने तमिलनाडु सरकार को उसकी रिहाई की प्रक्रिया दस दिन में पूरा करने का भी निर्देश दिया है साथ ही पीठ ने परोल के दौरान नलिनी को कोई साक्षात्कार नहीं देने और किसी भी राजनीतिक व्यक्ति से मुलाकात नहीं करने का आदेश दिया।

हालांकि नलिनी ने अपनी बेटी की शादी के लिए छह महीने का अवकाश मांगा था।

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नलिनी को अदालत के 25 जून के आदेशानुसार कड़ी सुरक्षा के बीच पेशी के लिए लाया गया था। अदालत ने 25 जून को उसे अपनी याचिका पर पेश होने और दलीलें रखने की अनुमति दे दी थी।

नलिनी के अलावा छह अन्य भी राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इनमें से एक नलिनी का पति श्रीलंकाई नागरिक मुरुगन भी शामिल है।

कौन है नलिनी श्रीहरण

21 अप्रैल, 1991 को एलटीटीई के लिए काम करने वाले श्रीहरण (मुरुगन) से शादी करने वाली नलिनी, दो महीने की गर्भवती थी जब उसे राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु के वेल्लोर में स्पेशल महिला जेल में बंद नलिनी छह अन्य दोषियों के साथ उम्र कैद की सजा काट रही है।

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राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनाव सभा के दौरान एक आत्मघाती महिला ने विस्फोट कर हत्या कर दी थी। बाद में इस महिला की पहचान धनु के रूप में हुई। इस विस्फोट में धनु सहित 14 अन्य लोग भी मारे गए थे।

इस हत्याकांड के सिलसिले में वी. श्रीहरण उर्फ मुरुगन, टी. सतेंद्रराजा उर्फ संथन, एजी पेरारिवलन उर्फ अरिवु, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, पी. रविचंद्रन और नलिनी 27 साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।

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कम ही लोग जानते हैं कि महात्मा गांधी ने नलिनी की मां का नाम पद्मावती रखा था, जो कि चेन्नै के एक अस्पताल में नर्स थीं। श्रीहरण उनकी जिंदगी में तब आया, जब उसे रहने के लिए किराए के एक मकान की तलाश थी।

इसके बाद एंट्री हुई सिवरासन की जो कि श्रीहरण की तरह श्रीलंका का ही रहने वाला था। कुछ दिनों में सिवरासन, धानू को भी ले आया जिसने बाद में मानव बम की भूमिका निभाई।

प्रियंका गांधी ने 19 मार्च 2008 को नलिनी से मुलाकात की थी। अपनी इस बात पर कायम रहते हुए कि उसे और उसके पति को राजीव गांधी की हत्या के प्लान में बारे में कुछ नहीं पता था, नलिनी ने प्रियंका गांधी को बताया कि हालात ने उसे कैदी बना दिया। प्रियंका पूछती रहीं कि उनके पिता जो कि एक ‘अच्छे इंसान’ थे, उन्हें क्यों मार डाला गया?

प्रियंका यह जानना चाहती थीं कि हत्या के पीछे कौन लोग थे, पर चूंकि नलिनी खुद एलटीटीई की सदस्य नहीं थी इसलिए इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाई। नलिनी ने अपनी आत्मकथा इसका जिक्र किया है।

2014 में कोर्ट ने सजा में किया बदलाव

शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी, 2014 को तीन दोषियों- मुरुगन, संथम और पेरारिवलन- की मौत की सजा उम्र कैद में तब्दील कर दी थी क्योंकि उनकी दया याचिकाओं पर फैसला लेने में अत्यधिक विलंब हुआ था।

मालूम हो कि तमिलनाडु सरकार दो मार्च, 2016 को केंद्र सरकार को पत्र लिखा था इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने का निर्णय लिया है, परंतु शीर्ष अदालत के 2015 के आदेश के अनुरूप इसके लिये केंद्र की सहमति लेना अनिवार्य है।

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इस पर बीते साल अगस्त में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है, क्योंकि इन मुजरिमों की सजा की माफी से खतरनाक परंपरा नींव पड़ेगी और इसके अंतरराष्ट्रीय नतीजे होंगे।

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