Friday - 12 January 2024 - 11:00 AM

समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याएं, अखिलेश के तेवर गर्म 

न्यूज डेस्क 

बीते  30 मई से 5 जून तक समाजवादी पार्टी के 8 प्रमुख कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई। इसमें समाज विशेष को गिनें तो दो दर्जन लोगों से ज्यादा की हत्याएं हो चुकी हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्याओं पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के तेवर सख्त हो गए हैं।

अखिलेश का गुस्सा यूपी सरकार पर फूटा है।  उन्होंने कहा –  उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। भाजपा सरकार की प्रशासन पर पकड़ न होने से अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। राजनीतिक विद्वेषवश एक पार्टी विशेष पर भाजपा का कहर खासतौर पर टूट रहा है। जनता के दुःखदर्द की चिंता किसी को नहीं है। ऐसे बुरे हालात प्रदेश में कभी नहीं रहे। अब तो उत्तर प्रदेश में अराजकता की स्थिति है।

 

समाजवादी पार्टी ने इस हालत पर एक प्रेस नोट भी जारी किया है , जिसमे  इन घटनाओं का ब्योरा है।  टांडा (अंबेडकर नगर) में 16 मई 2019 को अयाज अहमद उर्फ गूल्लू की हत्या की गई। जनपद आजमगढ़ के थाना मेहनाजपुर के ग्राम रोवांपार में 30 मई को एक 27 वर्षीय नौजवान की गोली मारकर हत्या की गई। गौतमबुद्धनगर के थाना दादरी के अन्तर्गत ग्राम गढ़ी निवासी  रामटेक कटारिया की गोली मारकर 31 मई को हत्या कर दी गई।  जौनपुर के थाना सरायख्वाजा के अन्तर्गत ग्राम उड़ली निवासी  लालजी यादव की दिनदहाड़े 31 मई को हत्या कर दी गई।

गाजीपुर के थाना करण्डा के अन्तर्गत ग्राम सलारपुर के निवासी  विजय यादव सदस्य जिला पंचायत की हत्या 24 मई को रात्रि 09ः15 बजे की गई।  मिर्जापुर के थाना चील्ह के अन्तर्गत पुजागिर बाजार में  संतोष यादव की सरेआम निर्मम हत्या कर दी गई। लखीमपुर के थाना मोहम्मदी क्षेत्र के ग्राम मोहद्दीनपुर निवासी वेदपाल यादव 22 वर्षीय की हत्या 5 जून 2019 को की गई।  हापुड़ के अन्तर्गत कोतवाली हापुड़ के ग्राम ददारा निवासी  सचिन चौधरी की हत्या 7 जून 2019 को कर दी गई। ये सभी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता थे।

पार्टी का आरोप है कि जाति विशेष के प्रति प्रशासन की उत्पीड़नकारी नीतियों के चलते कितने ही परिवार पुलिसिया तांडव के शिकार हुए हैं। निर्दोषों की हत्याएं तक हो गई। कोई जनपद ऐसा नहीं बचा जहां चुन-चुनकर एक जाति विशेष को निशाना न बनाया गया हो। ऐसे लगभग दो दर्जन से ज्यादा ही परिवार होंगे। प्रदेश में अपराधों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। सुल्तानपुर में एलएण्डटी फाईनेन्सियल सर्विसेज के अधिकारियों को गोली मारकर 16 लाख की लूट के अलावा वाराणसी के तिलमापुर गांव से तीन बच्चियों का अपहरण हो गया।

देवरिया के खुखुंद थाना क्षेत्र के बजरिया शुक्ला गांव में 17 वर्षीय कोचिंग छात्र रंजीत कुमार की हत्या हुई। फतेहपुर में सदर कोतवाली के पनी मोहल्ला में भट्ठा मालिक की हत्या की गई। लखनऊ के इटौंजा में दरियापुर गांव में एक किशोर के अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन के सामने एक युवक को गोली मारी गई।

सपा ने  अपने आरोप का निशाना भाजपा और आरएसएस की सोच पर लगाते हुए कहा है कि भाजपा और आरएसएस की राजनीति की नींव नफरत और छलकपट पर आधारित है। समाज को तोड़ने और भाई-भाई में बंटवारा कराने में इन्हें महारत हासिल है। नफरत का ज़हर फैलाकर सत्ता का अपहरण करना उन्हें आता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को विकास न करना था, न करने की उनकी कभी इच्छा रही है। समाजवादी सरकार ने जो किया उस पर लीपापोती कर अपना नाम दर्ज कराना ही उन्हें आता है।

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