न्यूज डेस्क
देश में नागरिक संसोधन कानून को लेकर जंग छिड़ा हुआ है। आम लोग से लेकर विभिन्न राजनीतिक दल सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वह इसे अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगे। शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।
एनआरसी के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि यदि भारत में एनआरसी लागू हुआ तो छत्तीसगढ़ की आधे से अधिक जनता अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएगी।
बघेल ने शुक्रवार को कहा कि जिस तरह महात्मा गांधी ने वर्ष 1906 में अफ्रीका में अंग्रेजों के कानून का विरोध किया था, ठीक उसी तरह वह भी एनआरसी का विरोध कर रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने से हमें प्रमाणित करना पड़ेगा कि हम भारतीय हैं और यदि कोई भारतीयता साबित नहीं कर पाया तो उसे किस प्रकार से रखा जाएगा?
सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आबादी दो करोड़ 80 लाख है। इनमें से आधे से अधिक लोग अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनके पास जमीन का रिकार्ड नहीं है और कई लोगों के पास जमीन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज पढ़े लिखे नहीं हैं। उनमें से कई दूसरे गांवों या राज्यों में चले गए हैं। वे 50-100 साल का रिकार्ड कहां से लाएंगे। यह लोगों पर अनावश्यक बोझ है।
सीएम बघेल ने कहा कि यदि इस देश में घुसपैठिए हैं, तो उन्हें पकड़ने के लिए बहुत एजेंसियां हैं। उन्हें पकड़ें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें लेकिन इस तरह वे (भाजपा) आम जनता को कैसे परेशान करेंगे।
सीएम ने कहा कि यह कानून उसी प्रकार का है जैसे दक्षिण अफ्रीका में अंग्रेजों ने साल 1906 में लागू किया था जिसका महात्मा गांधी ने विरोध किया था और उन्होंने कहा था कि वह रजिस्टर में दस्तखत नहीं करेंगे और न ही उंगलियों के निशान देंगे।
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