Saturday - 6 January 2024 - 5:47 PM

शहीद की मां रोती रही, मंत्री जी 50 लाख के चेक संग फोटो खिंचाते रहे

जुबिली न्यूज डेस्क 

आगरा के रहने वाले कैप्‍टन शुभम गुप्‍ता राजौरी में आतंकवादियों के साथ हुए एनकाउंटर में शहीद हो गए हैं। महज 26 साल के शुभम गुप्‍ता ने अपनी मां से वादा किया था कि सप्‍ताह भर में घर आएंगे। शुभम के पिता उनकी शादी की तैयारियां कर रहे थे। अचानक 22 नवंबर को उन पर यह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शुभम के पिता बसंत गुप्‍ता ‘आई फील प्राउड’ कहकर फफक पड़ते हैं। ऐसे समय में योगी आदित्‍यनाथ सरकार के मंत्री भी उनके घर पहुंचे। लेकिन ऐसा नहीं लगा कि वे इस दुख में शरीक होने आए हैं। शुभम की मां ने सही कहा, भइया ऐसी प्रदर्शनी मत लगाओ।

भइया ऐसी प्रदर्शनी मत लगाओ

शुक्रवार को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्‍याय शुभम गुप्‍ता के आगरा स्थित घर पहुंचे थे। उनके हाथ में सीएम योगी आदित्‍यनाथ का भेजा हुआ 50 लाख रुपयों का चेक था। लेकिन जब मंत्री महोदय वह चेक मां के हाथ में थमाकर फोटो सेशन कराने लगे तो मां बिलख कर बोली, ‘भइया ऐसी प्रदर्शनी मत लगाओ। हो सके तो मेरे बेटू को बुला दो…’ मंत्री जी भी इसके बाद कुछ असहज से दिखे।

आज के समय में यह राजनीतिक मजबूरी

आज के समय में यह राजनीतिक मजबूरी सी है। आपदाग्रस्‍त, दुख से बिलखते परिवार के पास नेता जी लोग जाते हैं। चेक या अनुग्रह राशि देते हैं, रोते-दुखी होते परिजनों के साथ फोटो खिंचाते हैं ताकि सनद रहे कि हम गए थे। उनके इस बर्ताव में भाव यही होता है कि… जनता जनार्दन देख‍िए हम सबसे पहले गए थे, हमने सबसे पहले सुध ली, हमने सबसे पहले सहायात राशि दी। इस सबके बीच पीड़‍ित परिवार को कैसा लग रहा होगा इतनी संवेदनशीलता की जरूरत नहीं समझी जाती।

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विपक्ष का तंज ना सुनना पड़े

ऐसा इसलिए क्‍योंकि पीड़‍ित परिवार को कैसा भी लगे, वह कुछ भी कहता रहे लेकिन विपक्ष को यह कहने का मौका न मिल जाए कि देख‍िए सरकार तो अपने शहीदों को भूल गई। हो भी क्‍यों न, सत्‍ता- विपक्ष सब राजनीति की शतरंज पर अपनी-अपनी चाल चल रहे हैं। जब जिसकी लह जाए।

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