Friday - 8 November 2024 - 2:05 PM

महाराष्ट्र सियासी ड्रामा : कल फिर होगी सुनवाई, तत्काल फ्लोर टेस्ट नहीं

न्यूज डेस्क

महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, सीएम फडणवीस और डेप्युटी सीएम अजित पवार को नोटिस जारी किया है। इस मामले की सोमवार को सुबह साढ़े 10 बजे फिर सुनवाई होगी।
मालूम हो कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और डेप्युटी सीएम अजित पवार के शपथग्रहण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान विपक्षी दलों की ओर से अभिषेक मनु सिंधवी और कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। इन दोनों लोगों ने कोर्ट से तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इस पर कोई फैसला नहीं दिया।

सुनवाई के दौरान सभी पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी राय रखी। शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ जोरदार तर्क दिया।

क्या था एससी का सवाल

मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल इस मामले की फिर से सुनवाई होगी। कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश की कॉपी भी मांगी साथ ही विधायकों के समर्थन पत्र की कॉपी भी देने को कहा।

उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान जस्टिस रमन्ना ने राज्यपाल के फैसले को लेकर कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि राज्यपाल किसी को भी बुलाकर शपथ दिलवा दें। जस्टिस रमन्ना के सवालों का जवाब देते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि किसी को सड़क से उठा कर शपथ नहीं दिलवाई गई है।

मुकुल रोहतगी ने क्या जवाब दिया

सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मैं कुछ बीजेपी विधायकों की तरफ से आया हूं। मुझे रविवार को सुनवाई पर आपत्ति है। इसकी जरूरत नहीं थी।
कोर्ट में रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के आदेश की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। सिर्फ फ्लोर टेस्ट हो सकता है। आर्टिकल 361 को देखिए। किसी कोर्ट के प्रति राज्यपाल जवाबदेह नहीं है। उनके विवेक से लिए फैसले को नहीं बदला जा सकता।
मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि इनकी याचिका देखिए। राज्यपाल का आदेश रद्द करने की मांग कर रहे हैं। संविधान के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता।

तुषार मेहता ने क्या तर्क दिया

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि आप किसके लिए पेश हुए हैं? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे कोई निर्देश अभी तक नहीं मिला है। सॉलिसिटर जनरल होने के नाते याचिकाकर्ताओं की तरफ से रात को याचिका दी गई, इसलिए आया हूं।
मेहता ने कहा कि आर्टिकल 226 के तहत हाईकोर्ट जा सकते थे। मौलिक अधिकार का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते थे।

सिब्बल ने क्या दलील दी

सुप्रीम कोर्ट से अपनी दलील में वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कर्नाटक में आपने तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था। हम यही मांग कर रहे हैं। हम विधानसभा में अपनी शक्ति साबित कर देंगे।

सिंघवी का सवाल

अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील कोर्ट में पेश की। उन्होंने पूछा कि गवर्नर को कौन सी चिट्ठी मिली? क्या वह विधायकों से मिले? जब एक गठबंधन एक शाम पहले बहुमत का सार्वजनिक दावा कर चुका था, तब क्या उन्हें विधायकों से नहीं मिलना चाहिए था।

सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि हमने राज्यपाल को बता दिया है कि अजीत पवार विधायक दल के नेता नहीं हैं। मराठी में भेजी गई इस चिट्ठी  में 41 विधायकों के दस्तखत हैं। अब जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करवाया जाना चाहिए।

अभिषेक मनु सिंघवी ने अन्यए राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि गोवा और उत्तराखंड के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फ्लोर टेस्ट का आदेश हुआ। अपनी दलील में सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह लोकतंत्र के साथ धोखा है, जिन्होंने सरकार बनाई है, वह फ्लोर टेस्ट से दूर क्यों भाग रहे हैं।

सिब्बल और सिंघवी ने कर्नाटक का हवाला देते हुए कोर्ट से कहा कि कर्नाटक में इन्होंने 7 दिन, फिर 3 दिन की मांग की थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बहुमत कल ही साबित करें।

यह भी पढ़ें : सुप्रिया सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में क्या लिखा है

यह भी पढ़ें :  इस शख्स ने बताया अखिलेश और शिवपाल मिला सकते है हाथ

यह भी पढ़ें :  ‘ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे…’

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com