लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारी 71 दिन से लगातार इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी, दुर्घटना बीमा, ट्रांसफर पॉलिसी, भत्ता समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आश्वासन के बाद भी अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन कर्मी इको गार्डन में कार्य बहिष्कार पर है शासन से पत्र आने के बावजूद भी नहीं हो रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन संघ के मीडिया प्रभारी शाहिद खान ने बताया है कि 71 दिन से लगातार उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन कर्मी इको गार्डन में कार्य बहिष्कार पर है, शासन से पत्र आने के बावजूद भी कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हो रही है।
एचआर पॉलिसी पर बात करने के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी विफल रही है। संयुक्त मिशन निदेशक ने वार्ता आधे में ही छोड़ दी। इससे कर्मचारी आहत हैं। जिसके चलते प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोगा और सभी जनपदों के मिशन कर्मियों ने यह निर्णय लिया है कि कल 8 फरवरी को इको गार्डन में एकत्रित होकर सामूहिक रूप से जेएमडी मिथिलेश तिवारी से इस्तीफा मांगा जाएगा।
इको गार्डन में बैठे हुए मिशन कर्मी मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपेंगे इसी क्रम में विशाल प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से इको गार्डन में किया गया जिसमें कई जनपदों के मिशन कर्मियों ने पुनः अपनी ताकत दिखाई और नारे बाजी की और मीडिया के सामने अपना दर्द रखते हुए कहा की उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवम अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी मिशन मुख्यालय कछुए की चाल चल रहा है।
तत्कालीन मिशन निदेशिका दीपा रंजन एच आर के संयुक्त मिशन निदेशक मिथलेश तिवारी को दोषी मान ते हुए कहा की जब 19 वीं शासकीय निकाय की बैठक में तय हो गया था की शासन से अनुमोदन मिलने के बाद 7 फीसदी वार्षिक वेतन वृद्धि को आधार मानते हुए 40 प्रतिशत बड़ा दिया जाएगा।
इसी क्रम में शासन से पत्र आने पर भी मिशन मुख्यालय गुमराह कर रहा है आज फिर मिशन कर्मियों ने प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मिशन मुख्यालय में जाकर मिशन निदेशक दीपा रंजन से बैठक की जिसका नतीजा ये निकला की फिर से 20 वीं गर्वनिंग बॉडी में जाने के फैसला लेते हुए अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया जिससे समस्त मिशन कर्मियों में पुनः रोष है और 71 दिन बाद भी मिशन कर्मियों के हांथ आज भी खाली हैं लेकिन मिशन कर्मियों का कार्य बहिष्कार जारी है।