स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को फिर से शिखर पर पहुंचाने की कोशिशें कर रहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार योगी सरकार को चुनौती दे रही है। आलम तो यह रहा है कि प्रियंका गांधी को रोकने के लिए योगी सरकार ने पूरा जोर लगा दिया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी स्थापना दिवस के कार्यक्रम के बाद सीएए और एनआरसी के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद गिरफ्तार किए गए प्रसिद्ध अम्बेडकरवादी चिंतक व पूर्व पुलिस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिजनों से मिलने जा रही थीं। लेकिन बीच रास्ते में पुलिस ने उन्हें जबरदस्त रोक दिया। मामला तब और बढ़ गया जब प्रियंका गांधी ने पैदल उनके घर जाने का फैसला कर लिया।
इस दौरान पुलिस-प्रशासन और उनकी सुरक्षा दस्ते भी कुछ समझ नहीं सका और पैदल मार्च पर निकली प्रियंका गांधी से स्थानीय पुलिस के बीच काफी धक्का मुक्की भी हुई। प्रियंका ने भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा इस दौरान यूपी पुलिस ने उनके साथ ज्यादती की। इतना ही नहीं पुलिस के विरोध के बावजूद प्रियंका गांधी तकरीबन 4 से 5 किलोमीटर पैदल चल कर किसी तरह से एस आर दारापुरी के घर पहुंची। इस दौरान कांग्रेस के समर्थकों का लम्बी कतार देखने को मिली। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि लखनऊ पुलिस ने प्रियंका गांधी को रोकने के लिए सारी हदें पार कर दी और उनको रोकना के लिए उनका गिरेबान तक पकड़ लिया। एक पुलिसकर्मी अधिकारी ने प्रियंका गांधी का गला पकड़कर खींचने की कोशिश की।
उप्र पुलिस की ये क्या हरकत है। अब हम लोगों को कहीं भी आने जाने से रोका जा रहा है। मैं रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी के घर जा रही थी। उप्र पुलिस ने उन्हें एन आर सी और नागरिकता कानून का शांतिपूर्वक विरोध करने पर घर से उठा लिया है। मुझे बलपूर्वक रोका और महिला अधिकारी ने मेरा गला पकड़ कर खींचा। मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।
Gepostet von Priyanka Gandhi Vadra am Samstag, 28. Dezember 2019
प्रियंका गांधी ने अपने ऑफिसियल फेसबुक वाल पर पुलिस ज्यादतियों पर लिखा उप्र पुलिस की ये क्या हरकत है। अब हम लोगों को कहीं भी आने जाने से रोका जा रहा है। मैं रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता एस आर दारापुरी के घर जा रही थी। उप्र पुलिस ने उन्हें एनआरसी और नागरिकता कानून का शांतिपूर्वक विरोध करने पर घर से उठा लिया है। मुझे बलपूर्वक रोका और महिला अधिकारी ने मेरा गला पकड़ कर खींचा। मगर मेरा निश्चय अटल है। मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं। मेरा सत्याग्रह है। भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी।