लखनऊ डेस्क । सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया के इस दौर में ख़बरों की विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एक ओर जहां तकनीक ने खबरों को सुगम और आम आदमी तक पहुंच बनाने में मदद की है, वहीँ दूसरी ओर फेक न्यूज़ को लेकर एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है। फेक न्यूज़ पर कैसे नजर रखी जाए और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए दुनिया के सभी देश विचार कर रहे हैं। ऐसे में रूस के आधिकारिक सूचना पोर्टल पर एक कानून प्रकाशित किया गया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सुरक्षा जोखिमों को बढ़ाने वाली फेक न्यूज़ व भड़काऊ जानकारी के प्रसार पर प्रतिबंध लगाने और ऐसा करने वालों को दंडित करने के लिए दो कानूनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह कानून उन सूचनाओं के प्रसार पर प्रतिबंध लगाएगा जो ‘विश्वसनीय रिपोर्ट की आड़’ में लोगों के जीवन या स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं और सार्वजनिक व्यवस्था या सार्वजनिक कामकाज के संचालन में बाधा डालती हैं।
जुर्माना भी देना पड़ेगा
इन कानूनों का उल्लंघन करने वाले शख्स पर 30 हजार से चार लाख रूबल (466-6,215 डॉलर), अधिकारियों पर 60 हजार से 9 लाख रूबल (932-13,985 डॉलर) और कानूनी संस्थाओं पर दो लाख से 1.5 मिलियन रूबल (3,108-23,309 डॉलर) तक भिन्न-भिन्न प्रकार का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कानूनों के तहत अभियोजकों के पास फर्जी समाचारों के कारण खतरे के मानदंड निर्धारित करने की शक्ति भी होगी। अभियोजकों को अगर झूठी और समाज के लिए खतरनाक जानकारी ऑनलाइन मिलती है तो वे दूरसंचार वॉचडॉग रोजकोमनादजोर से अनुरोध कर सूचना स्रोतों तक पहुंच को प्रतिबंधित कर सकते हैं।