Wednesday - 10 January 2024 - 7:01 AM

सबसे खूबसूरत केन्द्रशासित प्रदेशों में शुमार होगा लद्दाख

हेमेन्द्र त्रिपाठी

किसी को अंदाजा भी नहीं था की ऐसा कुछ होने वाला है। केंद्र सरकार लगातार जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त पुलिस संख्या बल भेज कर छावनी में बदलने को लगी हुई थी। इसी वजह से इस बार अमरनाथ यात्रा भी समय से पहले रोक दी गयी। सरकार ने आदेश जारी कर दिया कि अमरनाथ यात्रा पर गये सभी यात्री वापस आ जाये। साथ ही जो पर्यटक घूमने गये थे उन्हें भी वापस बुला लिया गया था।

कश्मीर में इतना कुछ हो रहा था। इसकी भनक वहां की सरकारों को भी नहीं थी। लेकिन आज केंद्र सरकार राष्ट्रपति के आदेश के बाद जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाने की घोषणा करके सबकी बोलती बंद कर दी। इसके साथ ही सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग कर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।

इस निर्णय पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि काफी समय से वहां के लोगों की मांग थी कि इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश की मान्‍यता मिले, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हांसिल कर सकें।

कहां है लद्दाख

लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत के बीच में है। लद्दाख राज्य का क्षेत्रफल 97,776 वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएँ हैं। सीमावर्ती स्थिति के कारण सामरिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व है। लद्दाख, उत्तर-पश्चिमी हिमालय के पर्वतीय क्रम में आता है, जहां का अधिकांश धरातल कृषि योग्य नहीं है।

लद्दाख समुद्र की सतह से 9842 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लद्दाख की राजधानी और प्रमुख नगर लेह है, जिसके उत्तर में कराकोरम पर्वत और दर्रा है। यहां गॉडविन आस्टिन (K2, 8,611 मीटर) और गाशरब्रूम (8,068 मीटर) सर्वाधिक ऊंची चोटियां हैं।

इसमें बाल्टिस्तान (वर्तमान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में), सिन्धु घाटी, जांस्कर, दक्षिण में लाहौल और स्पीति, पूर्व में रुडोक व गुले, अक्साईचिन और उत्तर में खारदुंगला के पार नुब्रा घाटी शामिल हैं। लद्दाख की सीमाएं पूर्व में तिब्बत से, दक्षिण में लाहौल और स्पीति से, पश्चिम में जम्मू कश्मीर व बाल्टिस्तान से और सुदूर उत्तर में कराकोरम दर्रे के उस तरफ जिनजियांग के ट्रांस कुनलुन क्षेत्र से मिलती हैं।

विभाजन से पहले बाल्टिस्तान (अब पाकिस्तानी नियन्त्रण में) लद्दाख का एक जिला था। स्कार्दू लद्दाख की शीतकालीन राजधानी और लेह ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी।

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, करगिल की कुल जनसंख्या 140,802 है, जिनमें से 76.87% आबादी मुस्लिम (ज्यादातर शिया) है। जबकि, लेह की कुल जनसंख्या 133,487 है। इसमें से 66.40% बौद्ध हैं। इस हिसाब से लद्दाख की कुल जन संख्या 2,74,289 लाख है। लद्दाख क्षेत्र की आबादी लेह और करगिल जिलों के बीच आधे हिस्से में विभाजित है। 1947 के भारत-पाक युद्ध के बाद सिन्धु का मात्र यही हिस्सा लद्दाख से बहता है।

शुष्क होने के कारण वनस्पति विहीन है क्षेत्र

यह क्षेत्र शुष्क होने के कारण वनस्पति विहीन है। यहां जानवरों के चलने के लिए कहीं कहीं पर ही घास एवं छोटी-छोटी झाड़ियां मिलती है। घाटी में सरपत विलो एवं पॉपलर के उपवन देखे जा सकते हैं। ग्रीष्म ऋतु में सेब खुबानी एवं अखरोट जैसे पेड़ पल्लवित होते हैं। लद्दाख में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां नजर आती हैं, इनमें रॉबिन, रेड स्टार्ट तिब्बती स्नोकोक, रेवेन यहां हूप पाए जाने वाली सामान्य पक्षी है।

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