जुबिली न्यूज़ डेस्क
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जारी है। अब कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसान आंदोलन के समर्थन में मार्च निकाला। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तर कर दिया गया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद प्रियंका गांधी ने सरकार पर जवाबी हमला किया।
@priyankagandhi जी की गिरफ्तारी क्यों?
किसानों की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ी जायेगी। pic.twitter.com/9efuP8zlOG— Anil Yadav (@anilinsaf) December 24, 2020
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस सरकार के खिलाफ किसी भी असंतोष को आतंक के तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं।’
Delhi: Congress' march to Rashtrapati Bhavan stopped by police. "Any dissent against this govt is classified as having elements of terror. We are undertaking this march to voice our support for the farmers," says Congress leader Priyanka Gandhi. pic.twitter.com/9lgpi3kRfu
— ANI (@ANI) December 24, 2020
इस दौरान राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल गांधी बोले कि राष्ट्रपति से हमने कहा है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाएगा।
India is now an imaginary democracy. pic.twitter.com/4WZJiJ9Xel
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन कानूनों को तुरंत वापस लें। राहुल ने कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है।
राहुल गांधी ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, ये उन्हें आतंकी बताना शुरू कर देते हैं। राहुल ने इसी दौरान कहा कि अगर कल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत खिलाफ हो जाएंगे, तो उन्हें भी आतंकी बता दिया जाएगा।
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भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगाए गए किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने के आरोप पर राहुल गांधी ने जवाब दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, ‘बीजेपी, नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है और वो किसान-मजदूर समझ गया है। उनका लक्ष्य अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना है, जो भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होते हैं वो उनके बारे में कुछ ना कुछ गलत बोलते रहते हैं।’
राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘किसान खड़े हो जाएंगे तो उसे आतंकवादी बोलेंगे, मजदूर खड़े हो जाएंगे तो उन्हें आतंकवादी बोलेंगे और एक दिन अगर मोहन भागवत खड़े हो जाएंगे तो कहेंगे ये भी आतंकवादी हैं, जो भी नरेंद्र मोदी जी से सवाल पूछने की कोशिश करेगा वो आतंकवादी है और नरेंद्र मोदी सिर्फ अपने दो-तीन लोगों के लिए काम कर रहे हैं जिनको वो पूरा हिंदुस्तान पकड़ा रहे हैं।’
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इससे पहले कांग्रेस के मार्च को निकालने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। वहीं, राहुल गांधी तीन नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे हैं। राहुल गांधी ने राष्ट्र्र्र्र्रपति को पौने दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर सौंपा।
दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक निकाले गए मार्च को पुलिस ने रोका। #farmlaws pic.twitter.com/gbNgu5V8o7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 24, 2020
राष्ट्रपति भवन तक ले जाने के लिए दो मिनी ट्रकों में रखे गए हैं किसानों के हस्ताक्षर कांग्रेस पौने दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर राष्ट्रपति को सौंपना चाहती है। राष्ट्रपति भवन तक मार्च करते हुए इन हस्ताक्षरों को सौंपने की पार्टी ने पूरी तैयारी भी की हुई है। मार्च की इजाजत न मिलने और कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धारा 144 लगाए जाने से ये दोनों ट्रक फिलहाल वहीं खड़े हैं।
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कांग्रेस मुख्यालय के पास धारा 144 लगाने को लेकर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। चौधरी ने ट्वीट कर कहा, ‘राहुल गांधी से नरेंद्र मोदी सरकार इतनी डरती क्यों है? किसानों की आवाज सुनने में इनको इतनी घबराहट क्यों होती है?’
भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।
इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।https://t.co/iZ6Hgnunzw
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2020
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राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को समर्थन देने का बात कही। उन्होंने कहा, ‘भारत के किसान त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा।’
ऐडिशनल डीसीपी दीपक यादव के मुताबिक, मार्च की अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि जिन तीन नेताओं की राष्ट्रपति भवन में अपॉइंटमेंट है, उन्हें जाने दिया जाएगा। इसके बाद राहुल लॉन में ही बैठकर किसी को फोन करने लगे।