Monday - 29 July 2024 - 6:47 PM

कठुआ कांड : उसे जबरन नशा देते और फिर रेप करते

न्यूज डेस्क

पठानकोट की अदालत ने आज पिछले साल जनवरी में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की एक बच्ची के साथ गैंग रेप, प्रताडऩा और हत्या मामले में छह दोषियों में से तीन को उम्र क्रैद की सजा दी है। आठवें नाबालिग आरोपी की अलग सुनवाई होगी।

कठुआ कांड ने पूरे देश को झकझोर रख दिया था। इस सनसनीखेज गैंग रेप के बाद देश भर में ग़ुस्सा देखा गया था। पूर्व सरकारी अधिकारी सांजी राम को इस मामले का मास्टरमाइंड माना जा रहा था। सांजी राम को भी उम्र कैद की सजा सुनाई है। चार्जशीट में विशाल जंगोत्रा पर भी आरोप थे, जिसे अदालत ने बरी कर दिया है। सबूतों के अभाव में सांजी राम के बेटे को अदालत ने रिहा कर दिया है। इसके साथ ही दो पुलिस वालों को भी पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई है।

सांजी राम के अलावा परवेश कुमार, दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक कुमार और सुरेंदर वर्मा, हेड कॉस्टेबल तिलक राज और सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को इस मामले में दोषी ठहराया गया है। पुलिसकर्मियों को सबूतों को मिटाने में दोषी ठहराया गया है।

रोंगटे खड़ी कर देती है चार्जशीट

कठुआ कांड मामले में दायर की गई चार्जशीट आज भी रोंगटे खड़े कर देती है। आठ साल की मासूम आसिफा के साथ पूरे एक हफ्ते तक जो हैवानियत की गई, उसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मासूम बच्ची भूखी प्यासी देवस्थान में पड़ी रहती थी और इंसान के रूप में वो भेडि़ए आते थे और उसे जबरन नशा देते थे, फिर मासूम के साथ रेप करते थे।

चार्जशीट के अनुसार पूर्व सरकारी अधिकारी सांजी राम ही इस मामले का पूरा कर्ता-धर्ता था। उसने अपने नाबालिग भतीजे को आसिफा को किडनैप करने के लिए कहा, जो अक्सर अपने घोड़ों को चराने के लिए उसके घर के पीछे जंगलों में जाया करती थी।

आरोपी सांजी राम ने ही किशोर को अपहरण की योजना को अंजाम देने और लड़की को नशीली दवाएं देने को कहा था और उसके बाद उसे देवस्थान में रखने को कहा। इसके बाद नाबालिग को दीपक खजूरिया ने वारदात को अंजाम देने के लिए उकसाया।

इसके बाद नाबालिग ने अपने करीबी दोस्त परवेश कुमार से सांजी राम और दीपक खजुरिया के बनाए पूरे प्लान को शेयर किया और मदद करने को कहा।

अपहरण के दिन बच्ची को सांजी राम के भतीजे ने धक्का देकर गिराया। परवेश ने बच्ची के पैरों को पकड़ा और नाबालिग ने एक-एक कर ड्रग जबरन बच्ची को खिलाया। जब पीडि़ता बेहोश हो गई तो नाबालिग ने उसके साथ रेप किया।

उसके बाद अपने दोस्त परवेश के साथ मिलकर उसने लड़की को उठाया और देवस्थान के अंदर ले गया। वहां टेबल के नीचे 2 चटाई बिछाकर रखा और ऊपर 2 दरी डालकर उसे ढक दिया।

अगले दिन स्पेशल पुलिस आफिसर दीपक खजुरिया ने 10 नशीली गोलियों का एक स्ट्रिप निकाला। सांजी राम के भतीजे ने लड़की के सिर को उठाया, दीपक ने उसका मुंह खोला, 2 गोलियां डाली। उसे पानी पिलाया।

इसके बाद नाबालिग ने दूसरे आरोपी विशाल जंगोत्रा को फोन पर लड़की के अपहरण के बारे में बताया और मेरठ से ये कहकर वापस आने के लिए कहा कि “अगर वो अपनी ‘हवस शांत’ करना चाहता है तो आ जाए।”

चार्जशीट के अनुसार मेरठ से आए विशाल जंगोत्रा ने भी 8 साल की बच्ची का रेप किया। उसके बाद, नाबालिग ने भी विशाल की मौजूदगी में उसका रेप किया।

सांजीराम के निर्देश पर नाबालिग, विशाल और परवेश बच्ची को मारने के लिए पास के ही नाले के पास ले गए। दीपक वहां पहुंचा तो उसने रुकने के लिए कहा क्योंकि वो बच्ची को मारने से पहले फिर से रेप करना चाहता था। एक बार फिर उसने और नाबालिग ने बच्ची से रेप किया। बच्ची के साथ रेप का बर्बर कृत्य करने के बाद दीपक ने अपनी बाईं जांघ पर उसकी गर्दन रखकर हाथों से दबाया। दीपक खजुरिया नाकाम रहा।

फिर नाबालिग ने अपने घुटनों का जोर उसकी पीठ पर डाला और साथ ही एक चुन्नी लेकर उससे पूरी ताकत के साथ लड़की का गला घोंट दिया। ये तय करने के लिए कि पीडि़ता मर चुकी है, उसने पत्थर से उसके सिर पर 2 बार वार किए।

नाबालिग ने जंगल में मृत शरीर को फेंक दिया, जबकि विशाल झाडिय़ों से बाहर पहरेदारी कर रहा था। लाश फेंकने के बाद दोनों घर लौट आए।

जांच के दौरान, यह पता चला कि सांजीराम, हेड कॉन्सटेबल तिलक और स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया बकरवालों की मौजूदगी के खिलाफ थे। उन्होंने समुदाय को इलाके से भगाने के लिए ये साजिश रची थी।

इलाके से बकरवाल समुदाय को भगाने की साजिश के नतीजे में ये दिल दहला देने वाली रेप और कत्ल की वारदात सामने आई जिसमें आसान टारगेट होने की वजह से 8 साल की बच्ची के साथ जुल्म किया गया।

कब क्या हुआ इस मामले में ?

  •  10 जनवरी 2018 को नाबालिग बच्ची गुम हुई थी और 17 जनवरी को उसका शव मिला था।
  •  23 जनवरी 2018 को जम्मू और कश्मीर सरकार ने मामले की जांच राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी थी।
  • 10 फरवरी 2018 को एक स्पेशल पुलिस ऑफीसर दीपक खजुरिया को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया।
  • 10 अप्रैल 2018 को इस मामले में कठुआ की एक अदालत में क्राइम ब्रांच ने आरोप-पत्र दाखिल किया था।
  • आरोप पत्र दाखिल करते समय अदालत के बाहर कठुआ के कई वकीलों ने हंगामा किया और पुलिस को आरोप-पत्र दाखिल करने से रोकने की कोशिश की थी।
  •  अदालत ने आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 18 अप्रैल 2018 की तारीख दी।
  • क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप-पत्र में लिखा था कि पहले बच्ची का अपहरण किया गया, उसे नशीली दवाएं खिलाई गईं और कई दिनों तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया जाता रहा।
  • क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप-पत्र में ये भी कहा कि बच्ची को कई दिनों तक इलाके के एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था। बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
  •  ‘हिंदू एकता मंच’ नाम के एक संगठन ने  16 जनवरी 2018 को कठुआ में वकीलों के समर्थन में रैली निकाली, जिसमें बीजेपी के स्थानीय विधायक राजीव जसरोटिया और दूसरे नेता भी शामिल थे।
  • बीजेपी के दो मंत्री चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने 4 मार्च 2018 को  कठुआ में ‘हिंदू एकता मंच’ की रैली को संबोधित किया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
  • इस पूरी घटना के मुख्य अभियुक्त सांजी राम ने 5 अप्रैल 2018 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
  • बीजेपी के दो मंत्री लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा से 13 अप्रैल 2018 को पार्टी ने इस्तीफा मांगा।
  • सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल 2018 को जम्मू और कश्मीर सरकार से इस बात का जवाब मांगा कि पीडि़ता के परिवारवालों ने मामले के ट्रायल को राज्य से बाहर कराए जाने की मांग की है।
  • 18 अप्रैल 2018 को पहली सुनवाई में क्राइम ब्रांच से कहा गया कि सभी आरोपियों को आरोप-पत्र की कॉपी दी जाए।
  • कोर्ट ने इस मामले पर 7 मई 2018 की तारीख दी थी। दरअसल, पीडि़त परिवार ने एससी में याचिका दाखिल कर केस का ट्रायल जम्मू और कश्मीर से बाहर कराने की मांग की थी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद  मामले को पंजाब के पठानकोट में ट्रांसफर कर दिया था।
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