Sunday - 14 January 2024 - 4:13 AM

LIVE: कर्नाटक के CM बनाए जाने की खबरों पर क्या बोले खड़गे

न्यूज़ डेस्क 

देश की सबसे पुरानी पार्टी इन दिनों बेहद खराब दौर से गुजर रही है। एक तरफ राहुल गांधी ने पार्टी अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी ओर जिन राज्‍यों में कांगेस की सरकार है वहां आए दिन कोई न कोई बड़ा बवाल शुरू हो जा रहा है। राजस्‍थान में मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट दो गुट में बंट गये हैं। वहीं, मध्‍य प्रदेश कमलनाथ सरकार भितरघात से परेशान है।

दूसरी ओर कर्नाटक में बन रहे नए राजनीतिक हालात भी कांग्रेस के लिए सही नहीं दिख रहे हैं। पिछले कई दिनों से जेडीएस और प्रदेश कांग्रेस के बीच चल रही राजनैतिक रस्सा कस्सी के बीच बीजेपी ने अपना दांव चल दिया है।

इस बीच कर्नाटक में सरकार बने अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए हैं और सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राज्य की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार में से 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जो फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इनमें से 10 विधायक कांग्रेस और 3 जनता दल यूनाइटेड (जेडीएस) के हैं। इन विधायकों के इस्तीफे के कारण एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने का खतरा बढ़ गया है।

हालांकि, अब तक इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, रविवार को छुट्टी है। सोमवार को वह बेंगलुरु में नहीं हैं। लिहाजा मंगलवार को इस मसले को देखेंगे। इस बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और केसी वेणुगोपाल नाराज विधायकों से मिले हैं और उनसे  इस्तीफा नहीं देने को कहा है। दूसरी आरे बीजेपी नेता बीएस येद्दुरप्पा ने कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे पर कहा है कि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

खबरों की माने तो कांग्रेस विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने इस्तीफा दे दिया है और अब वह बीजेपी ज्वाइन करेंगे। मुंबई में मौजूद प्रताप गौड़ा ने बताया है कि वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और जब तक इस्तीफा मंजूर नहीं होगा तब तक मुंबई में ही रहेंगे।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। पत्रकारों से बातचीत में खड़गे ने खुद को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अफवाहों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं है। कर्नाटक में गठबंधन की सरकार जारी रहेगी और बेहतर ढंग से चलती रहेगी। अफवाहों के जरिये गठबंधन में फूट डालने की कोशिश की जा रही है। जब नाराज विधायकों से चर्चा पर सवाल किया गया तो खड़गे ने कहा कि मैं यह नहीं बता सकता कि मैं विधायकों से क्या बात करने वाला हूं। हां ये जरूर है कि जब विधायकों से बात करूंगा तभी पता चलेगा कि उनकी राय क्या है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के सीनिया नेता राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच तमुकुर जिले के सिद्धागंगा मठ पहुंचे, जहां उन्होंने अपने समर्थकों को विक्टरी साइन दिखाकर अभिवादन स्वीकार किया। कर्नाटक के घटनाक्रम को लेकर बेंगलुरु से दिल्ली तक सियासी भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर मनी पावर के इस्तेमाल का आरोप लगा रही है तो वहीं बीजेपी पूरे मामले से हाथ झाड़ रही है। हालांकि बीजेपी खुश है, उसके नेताओं के चेहरे चमक रहे हैं। कर्नाटक में सरकार बनाने का सपना पूरा होता दिख रहा है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि कर्नाटक के सियासी संकट के असली सूत्रधार तो सिद्धरमैया हैं जिनके सीएम बनने की महत्वाकांक्षा मौजूदा संकट की वजह मानी जा रही है।

खास बात ये है कि शनिवार को जब 13 विधायक विधानसभा स्पीकर के पास इस्तीफा सौंपने पहुंचे तो दोनों ही दलों के नेताओं के बीच तल्खियां साफ देखने को मिलीं। विधायकों के इस्तीफे के बीच जो बात हर किसी को खटकी, वह थी पार्टी के सबसे वरिष्ठ और वफादार माने जाने वाले नेता रामलिंगा रेड्डी का विद्रोहियों से हाथ मिलाना। कांग्रेस का मानना है कि अगर उन्होंने रामलिंगा रेड्डी को साध लिया तो और बागी विधायक भी अपने फैसले को बदल लेंगे। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत अब रामलिंग रेड्डी को मनाने में लगा दी है।

कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच ज्यादा थी। इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जेडीएस के 37 और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं। तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं।

जेडीएस के 37 विधायक हैं और उसके 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। अब उसके सदस्यों की संख्या 34 हो गई है। वहीं कांग्रेस के कुल 80 विधायक हो गए थे, जिनमें से 10 ने इस्तीफा दिया है (जिसमें आनंद सिंह का इस्तीफा भी शामिल है) तो उसके विधायक 70 हो गए हैं, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं। बसपा और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। कांग्रेस और जेडीएस के मिलाकर अब 106 विधायक हैं, जिनमें बसपा और निर्दलीय विधायक भी शामिल है।

फिलहाल बसपा और निर्दलीय विधायक का कहना है कि वे गठबंधन सरकार के साथ हैं। 224 विधायकों (स्पीकर के बिना) वाली कर्नाटक विधानसभा में 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सदस्यों की संख्या 211 हो गई है। लेकिन स्पीकर उनका इस्तीफा मंजूर करने में वक्त ले सकते हैं। अगर स्पीकर इस्तीफा मंजूर करते हैं तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी और फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाएगी।

बता दें कि रमेश मेश जरखोली, रामलिंग रेड्डी, महेश कुमटल्ली, शिवराम हेब्बार, बीसी पाटिल, मुनिरत्ना, एसटी सोमशेखर, बृजपति बसवराज, सौम्या रेड्डी, प्रताप गौड़ा पाटिल कांग्रेस से हैं और नारायण गौड़ा, गोपालैया और विश्वनाथ। कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने सोमवार को अपना इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस  पार्टी नेता सिद्धारमैया और केसी वेणुगोपाल ने नाराज विधायकों सौम्या रेड्डी और अंजलि निम्बालकर से इस्तीफा न देने की अपील की है। वेणुगोपाल ने फोन पर इसकी जानकारी जेडीएस के प्रमुख एचडी देवगौड़ा को भी दी है।

मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के राजनीतिक सचिव एनएच कोनाराड्डी राज्य में सियासी संकट पर चर्चा करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के अवास पर पहुंचे हुए हैं। जेडीएस के पूर्व विधायक वाईएसवी दत्ता भी देवगौड़ा के आवास पर मौजूद हैं। माना जा रहा है कि जेडीएस हाई कमान राज्य के सियासी हालात पर विचार कर रहे हैं ताकि मौजूदा संकट से निपटा जा सके।

 

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