Saturday - 6 January 2024 - 4:04 PM

मोदी सुनामी में इस बड़े सियासी कुनबे की बहू भी नहीं बचा पाई अपनी पारंपरिक सीट

हेमेन्द्र त्रिपाठी

सपा का गढ़ कही जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट मोदी सुनामी में इस बार उनके हाथ से निकल गई। यहां से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और मौजूदा सांसद डिंपल यादव चुनाव लड़ रही थी। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट पर बीजेपी के सुब्रत पाठक ने जीत दर्ज की।

उन्होंने समाजवादी पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव को मात दी। सुब्रत को 5,61, 286 वोट मिले, जबकि डिंपल को 5,49,200 वोटों से संतोष करना पड़ा। हमेशा से मानी जाने वाली इस हाई प्रोफाइल सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं।

यूपी के कन्नौज से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली डिंपल यादव को इस बार हार का सामना करना पड़ा। नतीजे सामने आने के बाद यूपी के सबसे बड़े सियासी कुनबे की यादव परिवार की बहू और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी ने कहा, ‘मैं विनम्रता के साथ जनादेश को स्वीकार करती हूं और अपनी सेवा का अवसर देने के लिए कन्नौज को धन्यवाद देती हूं।’

साल 2009 से की थी एंट्री लेकिन करना पड़ा था हार का सामना

डिंपल यादव का सियासी सफर खासा लंबा नहीं है लेकिन काफी दिलचस्प हैं। डिंपल राममनोहर लोहिया को अपना आदर्श मानती हैं। जब उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा था तो भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद वह हिम्मत नहीं हारीं और संयम के साथ आगे बढ़ती रहीं।

दरअसल 2009 के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने दो सीटों फिरोजाबाद और कन्नौज से चुनाव लड़ा था, इन दोनों ही सीटों पर अखिलेश को जीत मिली थी। जिसके बाद अखिलेश ने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी थी और इस सीट से अपनी पत्नी डिंपल यादव को पहली बार चुनाव में उतारा था। सबको उम्मीद थी कि डिंपल यह सीट जीत जाएंगी लेकिन कांग्रेस नेता राजबब्बर ने उन्हें इस सीट से हरा दिया।

निर्विरोध जीतकर रचा कीर्तिमान

साल 2012 में पति अखिलेश यादव के सीएम बनने के बाद अपने द्वारा जीती गयी कन्नौज लोक सभा सीट उनके लिये खाली कर दी। डिम्पल ने इस सीट के लिये अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। मुकाबले में कांग्रेस, भाजपा और बहुजन समाज पार्टी ने उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारा।

जबकि दो अन्य, दशरथ सिंह शंकवार (संयुक्त समाजवादी दल) और संजू कटियार (स्वतन्त्र उम्मीदवार) ने अपना नामांकन वापस ले लिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि 2012 का लोक सभा उप-चुनाव उन्होंने निर्विरोध जीतकर उत्तर प्रदेश में एक कीर्तिमान स्थपित किया।

साल 2014 में हराया था सुब्रत पाठक

जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट पर 62.91 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें सपा की डिंपल यादव को 43.89 फीसदी (4,89,164) वोट मिले थे और और उनके निकटतम बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 42.11 फीसदी (4,69,257) वोट मिले थे। इसके अलावा बसपा के निर्मल तिवारी को 11.47 फीसदी (1,27,785) वोट मिले थे। इस सीट पर सपा की डिंपल यादव ने 19,907 मतों से जीत दर्ज की थी।

दो दशक से थी सपा का गढ़

सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव 1999 में कन्नौज लोकसभा सीट जीते, लेकिन उन्होंने बाद में इस्तीफा दे दिया। अखिलेश यादव ने अपनी सियासी पारी का आगाज कन्नौज संसदीय सीट पर 2000 में हुए उपचुनाव से किया।

इसके बाद 2004, 2009 में लगातार जीत कर अखिलेश यादव ने हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा, लेकिन 2012 में यूपी के सीएम बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उनकी पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध चुनकर लोकसभा पहुंचीं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com