Thursday - 11 January 2024 - 5:53 AM

जेपी नड्डा की ‘भविष्यवाणी’ बीजेपी के लिए मुसीबत? क्या क्षेत्रिय दलों की बढ़ी चिंता

जुबिली न्यूज डेस्क

एक बार फिर जेपी नड्डा के बयान ने बवाल मचा दिया है। क्या नड्डा के इस बयान से भाजपा की मुसीबतें बढ़ सकती है। जेपी नड्डा ने क्षेत्रिय दलों को लेकर जो बयान दिया है इससे क्षेत्रिय दलों की चिंताए बढ़ गई है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी क्या अब बचेगी ? जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलजेडी का क्या होगा ? मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के भी देर-सबेर एनडीए के साथ आने की उम्मीद है, उसका क्या होगा ? इन दलों के अस्तित्व को लेकर चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि बीजेपी ने एक बार फिर क्षेत्रीय दलों के अस्तित्व को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

एनडीए के साथी बने इन दलों की ओर से अभी तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ताजा बयान पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई है, लेकिन सियासी गलियारे में इनके अस्तित्व को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। नड्डा अगर अपने बयान पर कायम हैं तो क्या साथी दलों का विलय बीजेपी में हो जाएगा ?

जेपी नड्डा ने दोहराया- नहीं बचेंगी क्षेत्रीय पार्टियां

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार को पटना में थे। वे कैलाश पति मिश्र की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा अब दूसरे को कंधे पर नहीं बिठाएगी, बल्कि अपने बूते बिहार में सरकार बनाएगी। जेडीयू को लक्ष्य कर कही उनकी इस बात का मतलब साफ है कि एनडीए के साथ अभी जितने क्षेत्रीय दल हैं, उन्हें भाजपा दरकिनार कर देगी।

ऐसे ही बयान पर जेडीयू ने छोड़ दिया था एनडीए

एनडीए से अलग होने की वजहें और भी हो सकती हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने जेपी नड्डा के बयान को ही इसका आधार बनाया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा क्षेत्रीय दलों को खत्म कर देना चाहती है। हालांकि इस तर्क के साथ नीतीश के एनडीए छोड़ने के बावजूद बिहार में बीजेपी ने दूसरे पार्टनर तलाश लिए। लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान लंबे समय से एनडीए से बाहर थे। उन्हें बीजेपी ने एनडीए का हिस्सा बनाया।

जेपी नड्डा क्षेत्रीय पार्टियों की समाप्ति 

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम (HAM) भी एनडीए का पार्टनर बन गई। उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ कर जब राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) बनाया तो उसे भी एनडीए के साथ जोड़ दिया। मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के भी एनडीए में आने की सुगबुहाट काफी समय से रही है। माना जाता है कि वे भी आने वाले समय में एनडीए का हिस्सा बन जाएंगे।

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नड्डा के बयान से बीजेपी की बढ़ सकती है मुश्किल

नड्डा का बयान ऐसे समय में आया है, जब विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। भाजपा भी क्षेत्रीय दलों को जोड़ कर एनडीए का कुनबा बढ़ाने में लगी है। अभी 38 क्षेत्रीय दल एनडीए में शामिल हैं। एनडीए छोड़ चुके शिरोमणि अकाली दल और एआईडीएमके को साथ लाने का भाजपा प्रयास कर रही है। नड्डा ने इस तरह का बयान भले दिया है, लेकिन आचरण से भाजपा इसके उलट कर रही है। यानी एक तरफ एनडीए का कुनबा बढ़ाने के लिए वह क्षेत्रीय दलों की तलाश में है तो दूसरी तरफ नड्डा उन्हीं क्षेत्रीय दलों के खात्मे की बददुआ दे रहे हैं।

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