जुबिली स्पेशल डेस्क
जहाँ जुनून, जज़्बा और ज़मीनी मेहनत मिलती है, वहाँ इतिहास रचने की ज़मीन तैयार होती है और ठीक यही कर रही है जे० एन० टी० स्पोर्ट्स संस्था। एक समय था जब क्रिकेट खेलने के लिए मैदान और मार्गदर्शन दोनों ही दुर्लभ थे, लेकिन आज जे० एन० टी० संस्था ने नन्हे खिलाड़ियों के सपनों को हकीकत में बदलने का बीड़ा उठा लिया है। यह संस्था अब सिर्फ एक क्रिकेट अकादमी नहीं रही, बल्कि देश के भविष्य के धुरंधरों की “नर्सरी” बन चुकी है।
4 साल के बच्चों से लेकर 16 साल तक के खिलाड़ी, संस्था में कोचिंग ले रहे हैं। यहाँ न केवल बैट-बॉल की तकनीकी बारीकियाँ सिखाई जाती हैं, बल्कि फिटनेस, अनुशासन और टीम भावना का पाठ भी पढ़ाया जाता है।
संस्था के कोच बताते हैं, “हम सिर्फ क्रिकेट नहीं सिखा रहे, हम जज़्बा जगा रहे हैं। हमारा मकसद है – गांव-गली से विराट पैदा करना!”
अब तक संस्था से जुड़े कई बच्चे जिला और राज्य स्तर पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। खास बात यह है कि गरीब व पिछड़े वर्ग के बच्चों को मुफ्त ट्रेनिंग, किट और पोषण भी उपलब्ध कराया जा रहा है-ताकि प्रतिभा पैसों की मोहताज न रहे। हर रविवार को संस्था में ट्रायल्स और ओपन क्रिकेट कैंप का आयोजन होता है, जहाँ नए चेहरों को मौका मिलता है खुद को साबित करने का।
छावनी क्षेत्र की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था जे० एन० टी०, जो समाजसेवी स्व. जगत नारायण तिवारी की स्मृति में 1983 में स्थापित की गई थी, उत्तर प्रदेश में क्रिकेट के विकास का एक अहम स्तंभ बनकर उभरी है।
संस्था की स्थापना से लेकर अब तक कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ रही हैं, जिनमें अंडर-15 की प्रदेश स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का प्रथम आयोजन, क्रिकेट कैम्प, अम्पायर कार्यशाला और बहुचर्चित डॉ. गौरहरि सिंहानिया चैलेंजर ट्रॉफी (2004-2011) जैसे आयोजन शामिल हैं। संस्था ने वर्ष 2011 से अंडर-12 क्रिकेट प्रतियोगिता की शुरुआत की। प्रारम्भ में जहाँ सिर्फ 5 टीमें थी, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 12 हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के कोने-कोने के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड से भी युवा खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। इन खिलाड़ियों का चयन पूर्व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों द्वारा बेहद पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाता है।
3 दिवसीय चयन कैम्प के माध्यम से टीमों का गठन होता है, जो इस पूरी प्रतियोगिता का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होता है। प्रतियोगिता में कुल 35 मैच खेले जाते हैं, जिनमें से 5 मैच अब फ्लड लाइट्स के अंतर्गत होते हैं। अनुशासन और पारदर्शिता संस्था की पहचान बन चुकी है, जिसके चलते यह प्रतियोगिता अब एक सशक्त प्लेटफार्म बन गई है।
संस्था सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन संजय कपूर के मार्गदर्शन और संस्था के चेयरमैन नवीन जैन के नेतृत्व में फुटबॉल, हॉकी प्रतियोगिताएं, मेडिकल कैम्प और विकास कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाती हैं।
प्रतियोगिता से निकले कई होनहार खिलाड़ी
जे० एन० टी० अंडर-12 प्रतियोगिता से निकले कई खिलाड़ी आज उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों की अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 टीमों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- विदिशा कर (JNT/U/12 – 2011)
- सिद्धि मिश्रा (JNT/U/12 – 2016–2019)
- आयुषी सिंह (JNT/U/12 – 2020, 2021)
- अंश तिवारी (JNT/U/12 – 2011, 2012) – यूपी अंडर-19
- शिवांग सिंह (मुरादाबाद, मप्र) – यूपी अंडर-19
- पार्थ सपरू – यूपी अंडर-23
- सुधांशु चौरसिया (JNT/U/12 – 2014–2016) – यूपी अंडर-19
- आयुष्मान सिंह (JNT/U/12 – 2014–2018) – यूपी अंडर-19
- शिवम कुमार, सार्थक लोहिया (JNT/U/12 – 2014–2016) – यूपी अंडर-19
- शिवांशु सचान (JNT/U/12 – 2016–2018) – यूपी अंडर-19
- प्रानवीर सिंह (JNT/U/12 – 2018) – यूपी अंडर-16
- वंश निगम (JNT/U/12 – 2019) – यूपी अंडर-16
संस्था की यह उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि जे० एन० टी० सिर्फ एक आयोजन संस्था नहीं बल्कि खेल प्रतिभाओं की पौधशाला बन चुकी है।