Tuesday - 9 January 2024 - 12:18 PM

मिर्जापुर : मिड-डे-मील के खेल के बाद अब स्कूलों में करायी जा रही झाड़-फूंक

स्पेशल डेस्क

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। यहां पर मिड-डे-मील में ही खेल कर दिया गया था। इतना ही नहीं बच्चों को नमक रोटियां दी जाती थी। पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हरकत में आया और उसने फौरन यूपी सरकार को नोटिस भी भेज दिया। अभी यह मामला ठंडा ही नहीं पड़ा था कि अब दूसरा मामला भी प्रकाश में आ गया है। प्राथमिक विद्यालय में ओझाई व झाड़-फूंक करने का मामला सामने आया है।

जिले के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा के नाम पर केवल खानापूत्ति की जा रही है। पहले नमक रोटियां और अब ओझाई झाड़-फूंक के मामले एक बार फिर योगी सरकार की नींद उड़ा दी है। इससे पहले मंत्री बदले, बेसिक शिक्षा अधिकारी बदले गए है प्राथमिक स्कूलों में हालात बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। मौजूदा समय में सोशल मीडिया पर प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा के नाम पर हो रहे खेल को उजागर किया जा रहा है। इस तरह के मामले में पहले जवाबदेही डीएम की होती है लेकिन लगता है जिलाधिकारी भी जांच के बाद कार्रवाई का टालू मिक्चर बनाना सीख गये हैं।
मिर्जापुर में तिलिस्मी और ऐयारी की कहानियों के लिए चुनार किले मशहूर था अब अपने कारनामों के लिए यहां के प्राथमिक स्कूल मशहूर हो रहे हैं। ताजा मामला जिले के छानबे विकास खंड के अमरावती प्राथमिक विद्यालय का है। रविवार को गांव के ही कुछ लोगों ने यहां के प्राथमिक विद्यालय में ओझाई व झाड़-फूंक की। मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद अधिकारी हरकत में आए। इसके वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने विद्यालय का दौरा किया और कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इसमें प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान भी शामिल हैं।

बताया जा रहा है की रविवार को छुट्टी के दिन विद्यालय परिसर में अक्सर पूजापाठ और झाडफूंक की जाती थी। प्रधानाध्यापक ने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से की थी। लेकिन झाडफूंक की गतिविधि जारी रही।
पिछले रविवार दोपहर में इस विद्यालय में कुछ लोग ओझाई कर रहे थे। यह देखकर आसपास के लोगों ने इसका विरोध भी किया। इसके बाद इसका वीडियो बनाया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पूजापाठ क्यों किया जा रहा था? किसने ओझा को बुलाया था यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

जानकारी होने पर मंगलवार को सीडीओ प्रियंका निरंजन और एसडीएम सदर गौरव श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने ग्रामीणों से जानकारी ली। उसके बाद सीडीओ प्रियंका निरंजन ने कहा कि विद्यालय परिसर में इस प्रकार की गतिविधि अपराध की श्रेणी में आती है।
चर्चा तो यह भी है कि चूंकि इस विद्यालय में चारदीवारी नहीं है, इसलिए अकसर इस प्रकार की गतिविधि यहां पर चलती रहती है। इस बार वीडियो वायरल होने के बाद इसका प्रचार-प्रसार हो गया। प्रधानाध्यापक और ग्राम प्रधान प्राथमिकी दर्ज कर पूछताछ की जारही है।

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