Saturday - 13 January 2024 - 3:43 PM

सियासी ज़मीन वापस पाने के लिए विपक्षीय नेता कर रहे ये काम

न्यूज डेस्क

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कई विपक्षी दल ऐसे हैं जो अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने के लिए ‘जमीन’ पर उतरने का फैसला किया है। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत के नेता सत्ता की राह दोबारा से तलाशने के लिए अपने-अपने प्रदेश में पदयात्रा पर निकाल रहे हैं। साथ ही कुछ नेता ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।

इसकी शुरुआत बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ ‘नीतीश हटाओ-भविष्य बचाओ’ पदयात्रा  से कर रहे हैं। जबकि दक्षिण भारत के कर्नाटक में जेडीएस नेता पदयात्रा करेंगे तो आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के घर-घर जाएंगे।

कर्नाटक- जेडीएस की पदयात्रा

लोकसभा चुनाव में मोदी की सियासी सुनामी आने के बाद कई पार्टीयों के जनाधार बिखर गये जिसके बाद उन पार्टियों के अध्यक्ष फिर से जनता के बीच अपनी जगह बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की तर्ज पर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने कर्नाटक में पदयात्रा निकालने का फैसला किया है। यह यात्रा पूर्व विधायक वाईएसवी दत्ता के नेतृत्व में होगी जिसकी शुरुआत बीदर सीट होगी और बेंगलुरु में जाकर खत्म होगी।

खबरों की माने तो पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा भी इस पदयात्रा में हिस्सा ले सकते हैं। इस यात्रा के सहारे जेडीएस छत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करेगी। खास बात यह है कि इस पद यात्रा में बिना गठबंधन की भावनाओं को ठेस पहुचाएं और बिना किसी पर पोस्टर चिपकाये ये पदयात्रा निकली जाएगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव में मोदी सुनामी के चलते जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा भी अपनी सीट हार गए। इस हार के बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए मेहनत करने की जरूरत है।

चंद्रबाबू नायडू भी अपनाएंगे अखिलेश की रणनीति

इसके अलावा कई और बड़ी पार्टी के नेता अपनी पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए तरह तरह के प्लान बना रहे है। इसमें तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू भी शामिल है। टीडीपी के अध्यक्ष ने पूरे आंध्र प्रदेश का दौरा करने का प्लान बनाया है। इस यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, टीडीपी के उन कार्यकर्ताओं के घर जाएंगे, जो कथित तौर पर वाईएसआर कांग्रेस के हमले का शिकार हुए हैं। हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को नायडू 5 लाख रुपये का चेक भी देंगे।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की कुल 25 सीटों में से टीडीपी को महज तीन सीटें मिली और विधानसभा की कुल 175 में से 23 सीटें मिली है। इतना ही नहीं सत्ता से हटते ही पार्टी नेता नायडू का साथ छोड़ रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने पार्टी को दोबारा से मजबूत करने के लिए पदयात्रा शुरू करने का फैसला लिया है।

एक बार फिर यूपी की जनता से रुबरु होंगे अखिलेश

वहीं, लोकसभा चुनाव में मिली हार और गठबंधन टूटने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संपर्क, संवाद और संघर्ष के रास्ते पर चलने की योजना बनाई है। अखिलेश संसद सत्र ख़त्म होने के बाद जुलाई से यूपी के सभी जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वो लोगों से संपर्क और संवाद करके जनता को पार्टी की नीतियों से अवगत कराएंगे। इसके साथ ही अखिलेश पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरेंगे। इन सबके जरिए अखिलेश यादव अपने खिसके जनाधार को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

इससे पहले साल 2012 के विधान सभा चुनाव में अखिलेश यादव ने यूपी के सभी जिलों का दौरा किया था। जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन सीएम बनने के बाद ये सिलसिला खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा में मिली हार के बाद अब फिर जमीन पर उतरने का फैसला किया है।

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