जुबिली स्पेशल डेस्क
पिछले महीने 12 दिन चले संघर्ष और टूटे संघर्षविराम के बावजूद, ईरान-मध्यस्थ इजराइल के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा। अब Axios की रिपोर्ट के अनुसार, यदि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से सक्रिय करता है, तो इजराइल—इस बार अमेरिका की ‘हरी झंडी’ के साथ—फिर से प्रहार कर सकता है।
ईरान का सशस्त्र तैयार–बयान
मेजर जनरल याह्या रहीम सफवी, ईरानी शीर्ष सैन्य सलाहकार, ने कहा कि उनके बल “हर हालात से निपटने” के लिए पूरी तरह तैयार हैं। “हमने अभी तक अपनी पूरी ताकत नहीं खोली,” सफवी ने जोड़ा। ईरान ने हजारों मिसाइलें और ड्रोन अंडरग्राउंड ठिकानों में सुरक्षित रख लिए हैं, जिन्हें “नष्ट करना नामुमकिन” है।
नेतन्याहू और अमेरिका पर तीखा हमला
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सफवी ने इजराइली PM नेतन्याहू पर लगाया, “गाजा में 60,000, ईरान में 1,000 नागरिकों की हत्या करवाई।”
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उन्होंने कहा, “नेतन्याहू का मकसद ईरानी शासन गिराना था—लेकिन विफल रहा।”
पहले की जवाबी कार्रवाई
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13 जून को इजराइल के अज्ञात हमले के बाद ईरान ने अमेरिकी और इजराइली ठिकानों पर मिसाइल दागीं।
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सफवी के मुताबिक, इन हमलों में “80+ वारहेड्स वाले सैकड़ों मिसाइल” थीं, जिनसे 40 किमी त्रिज्या में तबाही मची।
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24 जून को अमेरिका-इजराइल ने लड़ाई रोकनी पड़ी।
नेतृत्व और संगठन में मजबूती
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सफवी ने अयातुल्ला खामेनेई की तारीफ़ की कि उन्होंने “24 घंटे में नए सैन्य उत्तराधिकारी नियुक्त” किए, जिससे कोई अव्यवस्था नहीं फैली।
फिलिस्तीनी मोर्चे पर दी सियासी शिकस्त
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सफवी ने कहा, “गाजा युद्ध के 21 महीने बाद भी हमास जिंदा है, जबकि इजराइली सेना थक चुकी।”
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“जबरदस्ती का कब्जा हमेशा नहीं टिकता,” उन्होंने इतिहास का उदाहरण देते हुए चेताया।