Sunday - 14 January 2024 - 1:27 PM

क्या लिव इन में रहने वाली महिला पार्टनर है पेंशन की हकदार?

जुबिली न्यूज डेस्क

मद्रास हाईकोर्ट में एक दिलचस्प सवाल पूछा गया जिस पर न्यायाधीश भी असमंजस की स्थिति में आ गए। न्यायाधीश को समझ में नहीं आ रहा था कि वह ऐसे सवाल का क्या जवाब दें।

दरअसल मद्रास हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान एक सवाल खड़ा हुआ कि क्या लिव इन में रहने वाली महिला को उस व्यक्ति की पेंशन पाने की हकदार है, जिसके साथ वो रह रही थी।

इस मामले में सबसे खास बात यह है कि लिव इन में रहने वाली महिला कोई और नहीं बल्कि पुरुष की कानूनी पत्नी की बहन है जिसकी मौत पहले हो चुकी है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है यह दिलचस्प मामला।

यह भी पढ़ें : इस महिला ने बनाया ऐसा विश्व रिकार्ड जिसे ईश्वर की मर्जी बगैर कोई नहीं तोड़ पाएगा 

यह भी पढ़ें : भारत से मुकाबले की कड़ी तैयारी में जुटा है चीन

यह भी पढ़ें :  राहुल के चार दोस्तों में से दो के रास्ते हुए अलग, बचे दो पर सबकी नजरें

यह मामला तमिलनाडु का है। कुंभकोणम में एस कलियापेरुमल नाम के व्यक्ति तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) में काम करते थे। उनकी विवाहिता पत्नी का नाम सुशीला था। कलियापेरुमल ने अपने सभी ऑफिशियल डॉक्युमेंट्स में अपनी पत्नी को ही अपना नॉमिनी भी बनाया हुआ था।

कलियापेरुमल की पत्नी सुशीला को कैंसर हो गया तो उन्होंने अपनी ही बहन मलारकोडि को पति से शादी करने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद ये तीनों लोग अपने 6 बच्चों के साथ एक साथ रह रहे थे। जब कुछ दिनों के बाद सुशीला की मौत हो गई तो साल 2015 में कलियापेरुमल ने मलारकोडि को अपना कानूनी उत्तराधिकारी बनाने के लिए आवेदन किया। इसमें उनके सभी बच्चों की सहमति थी।

यहां तक तो सब ठीक था। इस मामले में मोड़ तब आया जब तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम द्वारा इस मामले में कोई फैसला या बदलाव करती उसके पहले ही कलियापेरुमल की भी मौत हो गई।

यह भी पढ़ें :   TMC छोड़ने वालों की घर वापसी आसान नहीं

यह भी पढ़ें :  इस महिला ने बनाया ऐसा विश्व रिकार्ड जिसे ईश्वर की मर्जी बगैर कोई नहीं तोड़ पाएगा

कलियापेरुमल की भी मौत के बाद तैनजेडको ने कोई फैसला नहीं सुनाया। सबसे खास बात तो ये है कि आवेदन किया जा चुका था और आवेदनकर्ता की मौत हो चुकी थी। अब तैनजेडको के सामने सवाल यह है कि वो क्या करें।

वहीं मलारकोडि अपने हक के लिए तैनजेडको के सामने फरियाद कर रही है। जब वहां से कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्हें अंत में कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

मलारकोडि ने मद्रास हाईकोर्ट में अपने हक के लिए रिट याचिका दायर की है।

बड़ी पीठ के सामने जाएगा मामला

जब यह मामला हाईकोर्ट की निचली बेंच पहुंचा तो मामले को सुनकर सभी हैरत में रह गए। न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन की ओर से इस मामले में बड़ी पीठ के सामने रखने का फैसला किया है।

इस मामले को लेकर सिंगल बेंच की ओर से रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि चीफ जस्टिस के सामने इस मामले को रखा जाए ताकि फैसले के लिए पीठ का गठन किया जा सके। अब देखना दिलचस्प होगा कि बड़ी पीठ इस मामने में किस तरह का फैसला देगी।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com