Thursday - 11 January 2024 - 5:12 PM

छात्रों पर महंगाई की मार, हॉस्टलों और पीजी कमरों पर जीएसटी

जुबिली न्यूज डेस्क

लखनऊ: महंगाई की मार सिर्फ खाने-पीने की चीजों पर ही नहीं बल्कि रहने पर भी बढ़ा है. अगर आप हॉस्टल या पीजी में रहते हैं तो आपके लिए झटके वाली खबर है. अब हॉस्टल, पीजी के किराये के लिए अधिक जीएसटी देना होगा. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स ने मामले की सुनवाई के बाद हॉस्टल और पीजी के किराये पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का आदेश दे दिया है. यानी हॉस्टल और पीजी में रहने वाले छात्रों और लोगों पर खर्च का बोझ बढ़ने वाला है.

जीएसटी काउंसिल के अथॉरिटी ऑफ एडवांस्ड रूलिंग (एएआर) की दो अलग अलग बेंचों ने इस मामले पर एक जैसे फैसले दिए हैं. हॉस्टलों और पीजी कमरों पर अभी तक जीएसटी नहीं लगता था, लेकिन एएआर के इन फैसलों के बाद अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. जिन दो मामलों में ये फैसले आये उनमें पहला मामला बेंगलुरु बेंच का है.

आवासीय परिसर बनाम पीजी कमरे

एक याचिका में बेंच से महिलाओं के लिए हॉस्टल और पीजी सेवायें चलाने वाली बेंगलुरु स्थित कंपनी श्रीसाई लग्जिरियस स्टे ने अपील की थी कि निजी हॉस्टलों को आवासीय परिसरों की ही श्रेणी में डाला जाए और उन पर जीएसटी ना लगाया जाए. आवासीय परिसर किराए पर देने पर उन पर जीएसटी नहीं लगता है. बेंगलुरु एएआर ने अपने फैसले में कहा कि हॉस्टल और पीजी कमरों को आवासीय परिसर नहीं माना जा सकता, क्योंकि वहां अपरिचित लोग एक साथ रहते हैं और हर महीने प्रति बिस्तर के आधार पर बिल बनाये जाते हैं.

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इसी तरह हॉस्टल चलाने वाली नोएडा स्थित कंपनी वीएस इंस्टिट्यूट एंड हॉस्टल ने भी लखनऊ एएआर से कहा था कि वो आवासीय सेवायें देती है, इसलिए उससे जीएसटी नहीं वसूला जाए. लेकिन इस मामले में भी एएआर ने होटलों, पीजी कमरों को आवासीय स्थान मानने से इनकार कर दिया.एएआर ने कहा कि आवासीय स्थान वो होते हैं जहां कोई स्थायी रूप से रहता हो, ना कि गेस्टहाउस, लॉज या ऐसी दूसरी जगह. टैक्स जानकारों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल इन फैसलों को नजीर मान सकता है और अब से सभी निजी हॉस्टलों और पीजी कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.

इसका सीधा असर छात्रों पर पड़ेगा

इस फैसले की आलोचना विपक्षी पार्टियां भी कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि पहले से बोझ के तले दबे छात्रों पर और बोझ लादा जा रहाहै. टैक्स विशेषज्ञ शरद कोहली ने सीएनबीसीटीवी18 डॉट कॉम को बताया कि इसका सीधा असर हॉस्टलों और पीजी कमरों में रहने वाले छात्रों पर पड़ेगा, यानी अब शिक्षा का खर्च और बढ़ जाएगा. जानकारों का यह भी मानना है कि जीएसटी काउंसिल को इस फैसला का छात्रों के बजट पर पड़ने वाले असर को ध्यान में रखना चाहिए.

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