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आईएनएक्स मीडिया मामले में इंद्राणी बनेंगी सरकारी गवाह

न्यूज डेस्क

अपनी बेटी शीना बोरा मर्डर केस में 2015 से जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बनेंगी। सीबीआर्द की एक विशेष अदालत ने इंद्राणी को यह अनुमति दे दी है। इस मामले में अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी को माफ भी कर दिया है। खबर के मुताबिक गवाही के लिए अदालत ने 11 जुलाई को इंद्राणी की उपस्थिति के लिए वॉरंट जारी किया है।

विशेष सीबीआई जज अरुण भारद्वाज ने 4 जुलाई को आईएनएक्स मीडिया मामले में अपनी मर्जी से सरकारी गवाह बनने को राजी हुई इंद्राणी को माफी दे दी। इस केस में उनके नाम 305 करोड़ रुपये के मामले में सामने आए हैं। गौरतलब है कि 2007 का यह पूरा मामला आईएनएक्स मीडिया द्वारा फंड प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी लेने से जुड़ा है।

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उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। वहीं, कार्ति चिदंबरम आईएनएक्स को मंजूरी दिलाने में कथित रूप से मदद कर रहे थे। वे फिलहाल जमानत पर हैं।

फिलहाल इंद्राणी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में मुंबई की बायकुला जेल में बंद हैं। उनके पति और आईएनएक्स के संस्थापक पीटर मुखर्जी भी इसी मामले में जेल में बंद हैं। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम भी आईएनएक्स मामले में आरोपित हैं।

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पी चिदंबरम पर आरोप है कि कंपनी को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया था। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

क्या है आइएनएक्स मीडिया केस

यह केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का नाम भी घेरे में हैं।

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सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गयी थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे।

सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।

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