Saturday - 6 January 2024 - 4:16 PM

हरियाणा के स्कूलों में बच्चे करेंगे कान पकड़कर उठक-बैठक

न्यूज डेस्क

शायद ही कोई हो जिसे स्कूल में सजा न मिली हो। होमवर्क पूरा न होने पर या शरारत करने पर अक्सर टीचर कान पकड़कर उठक-बैठक करने की सजा देते थे। इस सजा से कई बच्चे शर्मसार हो जाते थे। अभी तक उठक-बैठक सजा की श्रेणी में आता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। अध्ययन में खुलासा हुआ है कि यह सजा सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

फिलहाल इस सजा को हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अनिवार्य किया जा रहा हैै। भिवानी के एक सरकारी स्कूल ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कान पकड़कर उठक-बैठक को अनिवार्य करने का फैसला किया है।

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शोध से पता चला है कि इस उठक-बैठक से दिमाग भी तेज चलने लगता है। अब हर छात्र इस सुपर ब्रेन योग को करेगा। इसकी शुरुआत हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के डा. एस राधाकृष्णन स्कूल में 4 जुलाई से इसकी शुरुआत की गई है। गुरुवार को यह क्रिया केवल शिक्षकों ने ही की।

अब स्कूल खुलने के बाद आठ जुलाई को इस स्कूल के करीब 700 बच्चों को दो सेक्शन में बांटकर योग और उठक बैठक करवाई जाएगी। बच्चे 14 बार कान पकड़कर उठक-बैठक करेंगे।  यह प्रयोग सफल होने के बाद प्रदेश के अन्य स्कूलों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा सकता है।

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शिक्षा बोर्ड के सचिव राजीव कुमार का कहना है, ‘वैज्ञानिक रूप से यह साबित हो चुका है कि कान पकड़कर उठक-बैठक करना सुपर ब्रेन योग है। इसे करने से दिमाग तेज चलने लगता है इसलिए हमने इसे शुरू करने का फैसला किया है।’ फिलहाल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत करने का फैसला लिया है।

गलती पर दी जाने वाली सजा बना एक से तीन मिनट क योग

बता दें कि प्राचीन समय में यह क्रिया किसी गलती की सजा देने के लिए करवाई जाती थी। आज भी कुछ जगहों पर ऐसा किया जाता है, मगर इसे गलत माने जाने लगा है। पहले शरारती और कम एकाग्रता वाले विद्यार्थियों को दंड स्वरूप करवाई जाती थी। ताकि उनकी एकाग्रता बने और मन शांत हो।

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अब इस क्रिया को करवाने के लिए एक से तीन मिनट का वक्त दिया जाएगा। क्रिया में बाएं हाथ से दायां कान पकडऩा होगा और दाएं हाथ से बायां कान पकडऩा होगा। इसके बाद उठक-बैठक करवाई जाएगी।

संतुलित मस्तिष्क से निकलती हैं अल्फा तरंगे

योग करने से दिमाग के चेतन व अचेतन दोनों ही भाग संतुलित होते हैं और इससे अल्फा तरंगे निकलती हैं। इससे दिमाग क्रिएटिव यानि सृजनात्मक क्रिया करने में सक्षम बनता है। अल्फा तरंगे सृजनात्मक कार्य करने के लिए जरूरी वातावरण तैयार करती है। इस समय दिमाग यानि मस्तिष्क जानकारी ग्रहण या प्रसारित करने के लिए ज्यादा क्रियाशील बन जाता है।

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क्या है सुपर ब्रेन योग

उठक-बैठक के लिए सुपर ब्रेन योग फिलीपींस के अध्यात्मिक गुरु चोओ कोक सुई द्वारा लिखी गई किताब से मिला है। चोआ कोक सुई प्राणिक हीलिंग और आरहटिक योग के संस्थापक हैं। उनकी वेबसाइट के अनुसार, चोआ कोक सुई ने 45 देशों में हीलिंग (चिकित्सा) सेंटर स्थापित किए हैं। वेबसाइट के अनुसार वे एक केमिकल इंजीनियर और सफल व्यवसायी भी हैं।

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