Thursday - 1 May 2025 - 4:05 PM

भारत का ब्रह्मास्त्र खतरे में? चीन-पाकिस्तान की डील से बढ़ी चिंता

जुबिली न्यूज डेस्क 

भारत ने अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 Air Defence System) खरीदा है। यह कदम खासतौर से पाकिस्तान और चीन से खतरे को ध्यान में रखते हुए उठाया गया। लेकिन अब इस महत्वपूर्ण हथियार को लेकर एक नई चिंता सामने आई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन और पाकिस्तान के बीच एक गुप्त समझौता (Secret Deal) हो सकता है, जिसके तहत चीन पाकिस्तान को S-400 सिस्टम से जुड़ी गोपनीय जानकारी (S-400 Technical Details) साझा कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो भारत की सुरक्षा के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन सकता है।

क्या है S-400 एयर डिफेंस सिस्टम?

रूस की Almaz-Antey कंपनी द्वारा विकसित S-400 Triumph दुनिया के सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक है। यह क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट और ड्रोन जैसे हवाई खतरों को 400 किलोमीटर तक की दूरी से पहचानकर उन्हें मार गिराने की क्षमता रखता है। S-400 एक साथ 80 लक्ष्यों पर नजर रख सकता है और अलग-अलग दूरी की मिसाइलों से लैस होता है, जैसे 40N6 मिसाइल और इंटरसेप्टर मिसाइलें।

भारत ने क्यों खरीदा S-400 सिस्टम?

भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर (5.43 Billion Dollar Deal) की डील की थी, जिसके तहत भारत को 5 स्क्वाड्रन S-400 सिस्टम मिलने थे। अब तक तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं और इन्हें चीन और पाकिस्तान की सीमा (India-China Border, India-Pakistan Border) पर तैनात किया गया है। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बाकी दो स्क्वाड्रन की आपूर्ति में देरी हो रही है।

भारत ने यह सिस्टम चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए खरीदा था। अब अगर चीन पाकिस्तान को S-400 सिस्टम की तकनीकी जानकारी जैसे रडार की फ्रीक्वेंसी, ऑपरेटिंग मोड और कमजोरियों के बारे में बता देता है, तो यह भारत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

चीन और पाकिस्तान के बीच संभावित समझौता

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के बीच S-400 सिस्टम से जुड़ी जानकारी साझा करने की बातचीत चल रही है। चीन ने 2014 में रूस से 3 अरब डॉलर में S-400 सिस्टम खरीदा था और उसके सैन्य विशेषज्ञ इसकी खूबियों और कमजोरियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। ऐसे में अगर पाकिस्तान को S-400 की कमजोरियों (Weaknesses of S-400) की जानकारी मिल जाती है, तो भारत के लिए अरबों डॉलर का यह निवेश कम प्रभावी हो सकता है। हालांकि अभी तक कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं कि चीन ने पाकिस्तान को S-400 से जुड़ी कोई जानकारी दी है।

भारत की सुरक्षा रणनीति

भारत के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को जो S-400 सिस्टम मिला है, उसमें अपग्रेडेड तकनीक शामिल है और यह चीन या पाकिस्तान के पास मौजूद वर्जन से ज्यादा आधुनिक है। इसके अलावा, भारत ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम्स पर भी काम तेज कर दिया है।

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भारत ने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को अपनी सुरक्षा के लिए एक ‘ब्रह्मास्त्र’ के तौर पर शामिल किया है। हालांकि, चीन और पाकिस्तान के बीच गुप्त जानकारी साझा करने की आशंका भारत के लिए नई चुनौती बन सकती है। आने वाले समय में भारत को अपनी सुरक्षा रणनीति और तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करना जरूरी होगा, ताकि ऐसे किसी भी खतरे से निपटा जा सके।

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