जुबिली न्यूज डेस्क
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बाद सोमवार को भारतीय सेना ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा दीवार की तरह मजबूत है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना ने चीनी और तुर्की में बने हथियारों का मलबा दिखाया, जो पाकिस्तान की ओर से उपयोग किए गए थे।
“हमने केवल आतंकवाद पर हमला किया”
डीजीएमओ एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई पाकिस्तानी सेना पर नहीं बल्कि आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित थी। उन्होंने बताया कि”7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल आतंकवादियों को निशाना बनाना था, लेकिन पाकिस्तान सेना ने खुद को बीच में लाकर स्थिति को और जटिल बना दिया।”
भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में तीन प्रमुख हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया—कम ऊंचाई पर मार करने वाली गन, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAMs) और लॉन्ग-रेंज मिसाइल सिस्टम जैसे Akash और Pechora।
दुश्मन के हाई-टेक हथियारों को भी मिला करारा जवाब
भारतीय सेना ने प्रेस वार्ता में पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए PL-15 मिसाइल (चीनी निर्माण) और YIHA व Songar ड्रोन (तुर्की निर्माण) का मलबा मीडिया को दिखाया। इन सभी को भारतीय वायुसेना की डिफेंस यूनिट ने इंटरसेप्ट कर मार गिराया।”ये मिसाइल और ड्रोन हमारी वायु सीमा के भीतर दाखिल नहीं हो सके। हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने उन्हें पहले ही रोक दिया,” एयर मार्शल भारती ने कहा।
सीमा पार किए बिना किया गया लक्ष्यभेदी हमला
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि भारतीय सेना ने इस पूरे ऑपरेशन को बिना एलओसी या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए अंजाम दिया। उनका कहना था कि”हमारी रणनीति साफ थी—न तो सीमा पार की और न ही नागरिकों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया।”
एयर डिफेंस में कोई सेंध नहीं
सेना का दावा है कि 9 और 10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने भारत के कई एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस लेयरिंग इतनी मजबूत रही कि कोई हमला सफल नहीं हो सका।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने इसका उदाहरण देते हुए क्रिकेटर विराट कोहली का जिक्र किया और कहा,“हमारी सुरक्षा प्रणाली एक मजबूत टीम की तरह है—एक लेयर फेल भी हो जाए, तो अगली सामने होती है। यही ताकत है हमारे डिफेंस सिस्टम की।”
समुद्री सीमा पर भी सतर्कता
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने भी कहा कि भारतीय नौसेना के सभी सिस्टम पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा,”अगर आवश्यकता पड़ी तो फिर से कार्रवाई की जाएगी। हमारी तटीय सीमाओं की रक्षा मजबूत है।”
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए भारत ने न सिर्फ आतंकवादियों के नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह संदेश भी स्पष्ट किया है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई करने वाला राष्ट्र है।