जुबिली न्यूज़ डेस्क
भारत को संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। प्रशासनिक एवं बजट संबंधी प्रश्न (एसीएबीक्यू) पर संयुक्त राष्ट्र की सलाहकार समिति में सदस्य के सदस्य के रूप में भारतीय राजनयिक विदिशा मैत्रा को चुना गया है। यह महासभा का एक अनुषांगिक अंग होता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव मैत्रा को 126 वोट मिले।
यूएन महासभा सदस्यों का चयन व्यापक भौगोलिक प्रतिनिधित्व, निजी योग्यता और अनुभव के आधार पर करता है। मैत्रा एशिया-प्रशांत राष्ट्रों के समूह से नामित हुए दो उम्मीदवारों में से एक हैं। मैत्रा ने इराक के अली मोहम्मद फइक अल-दबग को 62 मतों से हराया। मैत्रा का कार्यकाल तीन साल का होगा। उनका ये कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा।
मैत्रा की यह जीत ऐसे समय हुई हैं जब वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो साल के लिए अस्थायी सदस्य के तौर पर जनवरी 2021 से कार्यभार संभालने की तैयारी कर रहा है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों के भारी समर्थन से मैत्रा को संयुक्त राष्ट्र एसीएबीक्यू में शुक्रवार को चुना गया है।
इसके बाद तिरूमूर्ति ने इस अहम चुनाव में भारत का समर्थन करने और उम्मीदवार में विश्वास जताने वाले सभी सदस्यों का शुक्रिया व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र बजट पर दबाव बढ़ रहा है, ऐसे समय में एसीएबीक्यू में भारत की सदस्यता प्रासंगिक है। संयुक्त राष्ट्र में पेशेवर ऑडिटिंग अनुभव लाने का भारत का एक शानदार रिकॉर्ड रहा है और वो संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं में उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।
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उन्होंने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र की प्रशासनिक और बजट संबंधी प्रबंधन की जिम्मेदारी को बड़ी गंभीरता से लेते हैं। एसीएबीक्यू में महासभा ने 16 सदस्यों को उनकी व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर नियुक्त किया है। बता दें कि सलाहकार समिति का प्रमुख काम महासचिव द्वारा जमा कराए गए बजट का परीक्षण करना और उसे महासभा को रिपोर्ट करना है।