Monday - 28 October 2024 - 9:13 AM

सेमी फाइल में हार के ये गुनहग़ार

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

विश्व कप में भारत का सफर सेमीफाइनल में थम गया है। उम्मीदों के बोझ तले टीम इंडिया सेमी फाइनल में बेहद रोमांचक ढंग से पराजित हो गई है। गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन पर बल्लेबाजों ने बेड़ा गर्क कर दिया है।

बादलों की आंख मिचौली के बीच टीम इंडिया की जीत पर भी काले बादल की तरह छुप गई। बारिश ने पहले दिन खेल बिगाड़ दिया था और तब लोगों ने कहा था कि न्यूजीलैंड की टीम ने एक दिन के लिए अपनी हार को टाल दिया है लेकिन बुधवार को बारिश तो नहीं आई पर मैच भारत के हाथ से फिसल गया।

न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में आठ विकेट पर 239 रन बनाये। इस लक्ष्य को आसानी से पीछा किया जा सकता था लेकिन पिच की हरकत से टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने असानी से घुटने टेक दिये। ये तो भला हो जड़ेजा का जिन्होंने आखिरी वक्त पर 59 गेंद पर 77 रन बनाकर टीम इंडिया को बड़ी हार से बचा लिया और पूरी टीम 221 रन के स्कोर पर ढेर हो गई। हार से पूरा देश गमगिन हो गया है।

टॉस हारना भी रहा घातक

टॉस हारने के बाद ये लगने लगा था कि भारत शायद आधा मैच हार गया है, क्योंकि तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से तय था कि इस विकेट पर रन बनाना आसान नहीं होगा। न्यूजीलैंड के कप्तान ने टॉस जीतकर बगैर कुछ सोचे समझे पहले बल्लेबाज चुनी क्योंकि मैच के दौरान बारिश के आसार बने हुए थे। न्यूजीलैंड को पता था अगर बारिश बीच में होती है तो टारगेट डकवर्थ लुईस नियम से बदल जायेगा और भारत के लिए मुश्किले बढ़ जायेगी। ऐसे में टीम इंडिया को परेशानी हो सकती है। इतना ही नहीं अगर मैच अगले दिन होगा तो पिच का रोल भी अहम होगा। न्यूजीलैंड ने 239 रन बनाने के बावजूद अपने गेंदबाजों बूते और शानदार क्षेत्ररक्षण के बदौलत टीम इंडिया को काबू कर लिया है। अगर मैच कल ही पूरा होता था तो शायद परिणाम दूसरा होता।

गेंदबाजी में चमके लेकिन बल्लेबाजी में फिसड्डी

टीम इंडिया के गेंदबाजों ने शुरू में कीवियों को काबू में कर रखा था। बुमराह ने खतरनाक लग रहे मार्टिन गुप्टिल को एक रन के स्कोर पर ही चलता कर दिया था। इसके बाद कप्तान केन विलियमसन ने 95 गेंदों पर 67 रन का योगदान दिया जबकि अन्य बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजी के सामने संघर्ष करते नजर आये। न्यूजीलैंड के लिए अनुभवी बल्लेबाज रॉस टेलर ने सबसे ज्यादा 74 रनों की पारी खेली। भारतीय गेंदबाजी में भुवी ने तीन विकेट चटकाये जबकि बुमराह, जडेजा, चहल और पांडेया ने क्रमश: एक-एक विकेट चटकाये। विकेट से मिल रही मदद का बुमराह और भुवनेश्वर इस विकेट पर खतरनाक हो गए थे। आलम तो यह रहा कि न्यूजीलैंड टीम 10 ओवरों में 27 रन ही बना सकी थी।

कीवियों की स्विंग के आगे फिसड्डी साबित हुए भारतीय बल्लेबाज

विश्व कप में पांच शतक जडऩे वाले उप कप्तान रोहित शर्मा इस मुकाबले में रंग में नजर नहीं आये। दरअसल शुरुआती ओवरों में रोहित शर्मा का पैर एक जगह पर जम जाता है और इस वजह से विकेट के पीछे एज लगने या फिर पगबाधा होने के ज्यादा चांस बढ़ जाता हैं। भारतीय पारी के दूसरे ही हिटमैन रोहित शर्मा (1) के आउट पर ढेर हो गए। उन्हें तेज गेंदबाज मैट हैनरी ने विकेटकीपर टॉम लैथम से विकेट के पीछे लपक लिया। इसके बाद विराट भी पिच को समझ नहीं सके और तीसरे ओवर में विराट को जब मैट हैनरी की गेंद पर चकमा खा गए और गेंद पैड पर जा लगी और पगबाधा हो हो गए। इसके बाद केएल राहुल भी चौथे ओवर की हिम्मत जवाब दे गई। टीम इंडिया पांच रन के स्कोर पर तीन विकेट गवांकर हार की ओर बढऩे लगी थी। मैट हैनरी, बोल्ट और लॉकी फर्ग्यूसन गजब की स्विंग कराते नजर आये।

माही से पहले कार्तिक को क्यों भेजा गया ऊपर

भारतीय टीम के शुरुआती में जब तीन विकेट जल्दी गिर गए थे तो माही को आना था लेकिन टीम मैनेजमेंट ने बड़ा बदलाव करते हुए धोनी की जगह कार्तिक को ऊपर भेज दिया गया लेकिन उन्होंने एक बार फिर निराश किया। कार्तिक ने 25 गेंदे खेलकर केवल छह रन ही बना सके। इस तरह से देखा जाये तो 15 साल बाद विश्व कप की टीम में मिली जगह को वो भुना नहीं सके। 34 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने साल 2004 में डेब्यू किया था लेकिन वह लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे हैं। उन्होंने अब 94 मैच खेले लेकिन टीम में उनकी जगह कभी पक्की नजर नहीं आई है।

पंत और पांडेया ने अपना विकेट फेंका

जब एक समय समय लग रहा था टीम इंडिया के शुरुआती झटकों से बाहर आ जायेगी। पंत और पांडेया दोनों अच्छे टच में नजर आ रहे थे लेकिन दोनों ने खराब शॉट खेलकर अपना विकेट फेंक दिया। पंत और पांडेया ने गलत समय पर अपना विकेट न्यूजीलैंड को दे दिया। इस वजह से संकट में आ गई थी टीम इंडिया।

हार के लिए विराट और माही भी जिम्मेदार है

जडेजा और माही के विकेट पर होने से टीम इंडिया की जीत की उम्मीदे थे लेकिन एक छोर पर माही काफी सुस्त बैटिंग करते नजर आये लेकिन जडेजा ने दिखाया अब भी वह भारत के सर्वश्रेष्ठï ऑलरांउडर है। पूरे टूर्नामेंट माही की बल्लेबाजी सवालों के घेरे में है। दूसरी ओर विराट कोहली पूरे टूर्नामेंट में भले ही फॉर्म में थे लेकिन एक अदद शतक के लिए तरसते नजर आये। फाइनल में उनके पास मौका था लेकिन उन्होंने निराश किया।

बदलाव करना भी पड़ा भारी

टीम इंडिया की हार के लिए बदलाव भी जिम्मेदार है। जो खिलाड़ी पिछले कई मैचों से बाहर था अचानक उसे अंतिम 11 में शामिल कर लिया गया। कार्तिक का चयन ठीक नहीं था जबकि शमी के बाहर बैठना भी समय से परे है। इस तरह से लगातार चौथे टूर्नामेंट से टीम इंडिया बाहर हुई है।

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