जुबिली न्यूज डेस्क
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव रहा है। 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में कई देशों ने दोनों पक्षों पर अलग-अलग रुख अपनाया। आइए जानते हैं वर्तमान हालात में कौन से देश भारत के साथ हैं, कौन तटस्थ हैं और किसने पाकिस्तान का समर्थन किया है।
अमेरिका का रुख
शीत युद्ध के समय पाकिस्तान अमेरिका के करीब था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया है। हाल की घटनाओं में अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी और भारत के साथ बातचीत को बढ़ावा दिया है।
रूस और फ्रांस
रूस और फ्रांस हमेशा से भारत के मजबूत सहयोगी रहे हैं। रूस ने 1971 के युद्ध में भारत का साथ दिया था। आज भी रूस और फ्रांस दोनों आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ हैं और भारत की सुरक्षा को लेकर मजबूती से खड़े हैं।
इजराइल का समर्थन
इजराइल ने कई बार भारत का खुलकर समर्थन किया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजराइल भारत के साथ खड़ा है और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं।
सऊदी अरब और UAE
पहले सऊदी अरब पाकिस्तान के करीब था, लेकिन अब वह तटस्थ भूमिका निभा रहा है। सऊदी अरब ने हाल के तनाव के दौरान शांति की अपील की है। UAE भी भारत के साथ गहरे आर्थिक संबंध रखता है और उसने कश्मीर मुद्दे पर तटस्थ रुख अपनाया है।
तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की लाइन अपनाई है। तुर्की और पाकिस्तान के बीच सैन्य और कूटनीतिक रिश्ते मजबूत हैं।
ईरान की तटस्थता
ईरान ने भी कश्मीर मुद्दे पर पहले पाकिस्तान का समर्थन किया था, लेकिन हाल में वह मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है और भारत-पाकिस्तान दोनों को बातचीत का सुझाव दे रहा है। ईरान ने पहलगाम हमले के बाद भी तटस्थ रुख अपनाया।
चीन का दोहरा रुख
चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है, लेकिन उसने भी हाल की घटनाओं में आतंकवाद की निंदा की है और शांति की अपील की है। हालांकि, चीन का झुकाव पाकिस्तान की ओर ज्यादा रहता है।
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भारत की बढ़ती ताकत
भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अमेरिका, चीन, रूस और खाड़ी देशों के साथ भारत के मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं। यही वजह है कि अब दुनिया भारत को एक बड़ी शक्ति के रूप में देखती है।