Tuesday - 9 January 2024 - 5:31 PM

भारत-चीन सीमा विवाद : मोदी के बयान पर मचा घमासान

जुबिली न्यूज डेस्क

भारत-चीन सीमा विवाद पर 19 को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए बयान पर सवाल उठाया जा रहा है। सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी के बयान की आलोचना करते कहा कि चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए। सरकार के सभी अंगों को मिलकर मौजूदा चुनौती का सामना करना चाहिए।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मसले पर मोदी को सावधान करते हुए कहा है कि भ्रामक प्रचार और झूठ के आडंबर से सच को नहीं दबाया जा सकता।

पूर्व प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में भारत-चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प पर बयान जारी करते हुए लिखा है, “हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।”

प्रधानमंत्री मोदी को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व एलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान रहना चाहिए। ”

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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की भलाई के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह को विनम्रता से मानेंगे।

इन लोगों से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक के बाद दिए गए प्रधानमंत्री के बयान पर सवाल उठाए है।

कपिल सिब्बल ने सवाल किया है कि “प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में क्यों कहा कि कोई भी चीन का कोई सैनिक भारतीय सीमा के भीतर नहीं आया है? इसके बाद पीएमओ ने उनके आधिकारिक बयान से ये शब्द हटा क्यों दिए? अगर भारतीय सीमा में किसी से प्रवेश नहीं किया है तो 20 सैनिकों की मौत कैसे हुई और 85 सैनिक घायल कैसे हुए? चीनी सैनिकों से हमारे 10 जवानों और अधिकारियों को कैसे पकड़ लिया?”

क्या है मामला

शुक्रवार 19 जून को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा है और ना किसी पोस्ट पर कब्जा किया है। उन्होंने ये भी कहा था कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसा में देश के 20 जवान शहीद हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत ने चीनी सरकार से कूटनीतिक रास्तों के जरिए संपर्क कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और इसके बाद सेना के देश की सीमा की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए सेना को फैसले लेने की छूट भी दी है।

लेकिन इसके एक दिन बाद शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने उनके इस बयान पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि गलवान घाटी में हिंसा इसलिए हुई क्योंकि चीनी सैनिक एलएसी के पास कुछ निर्माण कार्य कर रहे थे और उन्होंने इसे रोकने से इनकार कर दिया।

फिर क्या, पीएमओ के इस स्पष्टीकरण के बाद पीएम के बयान पर सवाल उठने लगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है कि भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में पैंगोंग झील के पास भारत की सीमा के भीतर चीनी सैनिक हैं और सैटलाइट फोटो साफ तौर पर ये दिखाती हैं।

इस वीडियो में कहा जा रहा है कि सैटलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि गलवान घाटी में सीमा के दूसरी तरफ चीनी सैनिकों ने भारी निर्माण कार्य किया है, लेकिन पैंगोंग में आठ किलोमीटर लंबे उस क्षेत्र पर चीनी सैनिकों ने कब्जा कर रखा है जिसे भारत अपना मानता है।

कांग्रेस के ही नेता पवन खेड़ा ने भी इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री का वक्तव्य आया कि हमारे भूभाग पर कोई नहीं घुसा। इसके दो घण्टे बाद चीन का बयान आया कि गलवान घाटी उसका क्षेत्र है। प्रधानमंत्री मोदी और चीन एक जुबान में कैसे बोल रहे हैं?”

कांग्रेस के सवालों से तिलमिलाई बीजेपी

कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम के बयान पर सवाल उठाने से बीजेपी तिलमिला उठी। कांग्रेस नेताओं के सवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि “विदेशी मामलों की सलाहकार समिति में मेरे साथ राहुल गांधी और शशि थरूर भी शामिल हैं, लेकिन वो चीन के झूठ को फैला रहे हैं और सीमा विवाद को लेकर प्रोपोगैंडा चला रहे हैं।”

इतना ही नहीं बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तो इंडिया टुडे का एक लेख को ट्वीट कर कहा है कि चीनी सेना के साथ तीन बार झड़प हुई थी। पहली झड़प के बाद भारतीय सैनिकों ने कुछ चीनी सैनिकों को हिरासत में लिया था। तीसरी बार लड़ाई के लिए भारतीय सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर चीनी क्षेत्र में प्रवेश किया था।

हालांकि मालवीय का ये ट्वीट शनिवार को आए भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान से मेल खाता नहीं दिखता।

21 जून को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का एक बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने कभी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के उल्लंघन की कोशिश नहीं की।

उन्होंने कहा कि गलवान घाटी समेत भारत-चीन के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से सटे सभी इलाकों की भारतीय सेना को पूरी समझ है और वो इसका पूरा सम्मान करते हैं। भारतीय सेना ने कभी भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के उल्लंघन की कोशिश नहीं की।

अमित मालवीय ने इसके पहले 17 जून को एक वीडियो ट्वीट कर लिखा था कि भारतीय सीमा में किसी तरह कोई चीनी सैनिक नहीं आया है। इसमें सैटलाट तस्वीरों के जरिए स्थिति समझाने की कोशिश की गई थी। इसी टेलीविजन का एक वीडियो रविवार को राहुल गांधी ने रीट्वीट किया था।

15-16 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए हिंसक संघर्ष में भारत के कमांडिंग ऑफीसर समेत बीस सैनिक मारे गए थे। चीन के भी कई सैनिकों के हताहत होने की खबर है लेकिन चीन ने आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।

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