नई दिल्ली। सरहद पर जवान हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात खड़े रहते हैं। इतना ही नहीं वह किसी भी चीज की परवाह भी नहीं करते है। जाड़ा हो या गर्मी सरहद पर हमारे जवान डटकर ड्यूटी करते हैं। हाल के दिनों पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ तरह-तरह की साजिश कर रहा है। उसी साजिश के तहत आतंकवादी जम्मू में तांड्व मचाते हैं। अभी हाल में 14 फऱवरी को कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने सीआरपीएफ़ के काफिले पर अटैक किया था जिसमे में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। इतना ही नहीं नेता भी इस मामले में बढ़-चढ़कर बयान दे रहे हैं लेकिन उन्हीं में से कुछ नेता ऐसे भी है जो बेशर्मी की सारी हदे पार करने पर उतारू है।
शहीद के अंतिम संस्कार में ठहाके लगाते दिखे मंत्री
उनकी नजर में ये शहादत कोई मायने नहीं रखती है तभी तो वह अंतिम संस्कार में पहुंचते हैं और वह भी केवल औपचारिकता समझकर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए मेरठ के अजय कुमार का मंगलवार को अंतिम संस्कार हो रहा था लेकिन इसमे केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने जो किया है, उससे पूरा देश दुखी हो गया है। उन्हें अंतिम संस्कार के दौरान ठहाके लगाते देखा गया है। इस घटना के बाद शहीद के परिवार वालों ने कड़ा विरोध किया तो नेताजी को इस मामले में माफी मांगनी पड़ी थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी वहां पर मौजूद थे। अंतिम संस्कार के दौरान नेता जूते पहनकर बैठे थे।
इसको लेकर भी काफी नाराजगी देखने को मिली तब जाकर नेताओं ने अपने जूते उतारे। मेरठ के अलावा कुछ ऐसा ही देखने को मिला। पुलवामा हमले में शहीद हुए मनोज बेहेरा के अंतिम संस्कार के दौरान बीजेडी के स्थानीय विधायक देबाशीष सांमत्रेय उनके परिजनों के साथ बदसलूकी करने का मामला भी प्रकाश में आया था। बताया जा रहा है कि अंतिम संस्कार के वक्त शहीद के चाचा और विधायक के बीच धक्का मुक्की हुई है। विधायक चाहते थे कि शहीद के पार्थिव शरीर के पास बैठे।
वहीं पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया था। दरअसल उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही थी जब शहीद अजीत कुमार आजाद की अंतिम यात्रा में शामिल होने साक्षी महाराज जब ट्रक पर सवार हुए तो हंसते हुए दिख रहे थे। इसके बाद उनकी खूब आलोचना भी हुई थी। बीजेपी ही नहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसी तरह के मामला में फंसते दिखे जब वह वह पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए दिख रहे थे। कुल मिलाकर नेताओं का सोचना चाहिए कि वह इस तरह से शहीदों का अपमान न करे।