जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मंगलवार को पूरा देश विनेश फोगाट की तारीफ कर रहा था। जी हां विनेश तारीफ की हकदार थी। दरअसल विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में अद्वितीय, अभूतपूर्व और अद्भुत प्रदर्शन किया था और एक दिन में तीन दिग्गज पहलवानों को अखाड़े में चित कर दिया था।
ये जीत किसी भी गोल्ड मेडल से ज्यादा है। एक ही दिन में तीन मुकाबले जीतना कोई असान काम नहीं है। उनकी इस जीत पर पूरा देश गर्व कर रहा था और जीत का जश्न मना रहा था।
उनकी जीत के इसलिए खास थी क्योंकि आज से कुछ महीनें पहले उन्होंने बहुत कुछ झेला था लेकिन ऐतिहासिक प्रदर्शन कर उन्होंने अपने आलोचकों का मुंह जरूर बंद कर दिया था लेकिन अफसोस है कि फाइनल से पहले ही विनेश फोगाट चित हो गई और पूरा भारत दुखी हो गया है।
दरअसल 100 ग्राम ज्यादा वजन होने की वजह से विनेश का गोल्ड मेडल का सपना अब टूट गया है। भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाएंगी।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यू डब्ल्यू डब्ल्यू) के नियमों के अनुसार, पहलवानों को अपनी प्रतियोगिता की सुबह अपना वजन करना होता है। लेकिन पहले दिन वजन करने से पहले पहलवान को अपने लाइसेंस और मान्यता के साथ मेडिकल जांच के लिए उपस्थित होना होता है। पहले दिन वजन करने की अवधि 30 मिनट की होती है और पहलवान कई बार अपना वजन करने की कोशिश कर सकता है। अगले दौर में प्रवेश करने पर प्रतियोगिता वाले दिन पहलवान के पास वजन करने के लिए 15 मिनट होते हैं और यह भी प्रतियोगिता की सुबह ही किया जाता है।
विनेश फोगट के लिए वजन कम करना क्यों मुश्किल था?
विनेश को हमेशा 50 किग्रा वर्ग के लिए वजन कम करने में संघर्ष करना पड़ा है। वह हाल पिछले कुछ समय तक 53 किग्रा वर्ग में भाग ले रही थीं। उसके बाद उन्होंने 50 किग्रा में स्विच किया। यह स्विच एनआईएस, पटियाला में ट्रायल के दौरान किया गया था। फोगाट का सामान्य वजन लगभग 55-56 किग्रा होता है, जिसे उन्हें प्रतियोगिता के दिनों में घटाकर 50 किग्रा तक करना होता है। अपने शरीर के वजन को 55-56 किलोग्राम से कम रखना काफी मुश्किल साबित हुआ है क्योंकि अब वजन घटाने के लिए ज्यादा वजन नहीं है और पसीना बहाकर पानी का वजन घटाना भारतीय पहलवान के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है।
पहले दिन वजन उठाने के बावजूद उसे अयोग्य क्यों घोषित किया गया?
यू डब्ल्यू डब्ल्यू के नियमों के मुताबिक एक एथलीट को प्रतियोगिता के सभी दिनों में वजन करना होता है। चूंकि भार वर्ग में ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिता दो दिनों में आयोजित की जाती है, इसलिए विनेश को दोनों दिनों में अपना वजन 50 किलोग्राम या उससे कम रखना जरूरी था। चूंकि वह दूसरे दिन ऐसा नहीं कर पाई, इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
यू डब्ल्यू डब्ल्यू के अनुसार, “यदि कोई एथलीट वजन करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है या असफल हो जाता है तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। यदि कोई एथलीट पहले दिन घायल हो जाता है, तो उसे दूसरे वजन करने में शामिल होने की जरूरत नहीं है और उसके परिणाम सुरक्षित रहेंगे।”
यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अनुसार, अगर कोई एथलीट पहले दिन चोटिल हो जाता है, तो उसे दूसरे दिन वजन मापने की ज़रूरत नहीं होती और उसके नतीजे सुरक्षित रहते हैं। अगर विनेश के साथ ऐसा होता तो उन्हें रजत पदक मिल जाता।