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Lok Sabha Election : जानें फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का इतिहास

पॉलिटिकल डेस्क

मुगल बादशाह अकबर के किले फतेहपुर सीकरी स्मारक और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध यह संसदीय क्षेत्र वर्ष 2009 में अस्तित्व में आया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर और 108 शिवालयों की श्रृंखला वाला बटेश्वर यहां की बाह विधानसभा में है। इस जगह का अपना एक इतिहास है। मुगल बादशाह बाबर ने राणा सांगा को सीकरी नामक स्थान पर हराया था। आगरा से 37 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी का निर्माण मुगल सम्राट अकबर ने ही कराया था। 1570 से 1585 तक फतेहपुर सीकरी मुगल साम्राज्य की राजधानी भी रही थी। अपने बुलंद दरवाजा और सलीम चिश्ती की दरगाह की वजह से ये शहर हमेशा पर्यटकों और आस्था का केंद्र रहा है।

आबादी/ शिक्षा

फतेहपुर सीकरी के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आता है, जिसमें आगरा ग्रामीण अ.जा., फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद, बाह शामिल है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,580,582 है जिनमें महिला मतदाता 703,267 और पुरुष मतदाताओं की कुल संख्या 877,271 है।

राजनीतिक घटनाक्रम

फतेहपुर सीकरी 2008 परिसीमन के बाद वर्चस्व में आया। 2009 में यहां पहली बार चुनाव हुआ, जिसमें बहुजन समाज पार्टी ने बाजी मारी थी। 2009 में यहां से बसपा की सीमा उपाध्याय से 30 फीसदी से अधिक वोट पाकर बड़े अंतर से विजय हासिल की थी। तो वहीं 2014 में भारतीय जनता पार्टी को यहां मोदी लहर फायदा मिला। जाट नेता चौधरी बाबूलाल ने पिछले चुनाव में करीब 45 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी को करीब पौने दो लाख वोटों से मात दी थी। 2014 के चुनाव में यहां से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे अमर सिंह ने भी राष्ट्रीय लोक दल के टिकट से चुनाव लड़ा था।

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