जुबिली स्पेशल डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में है। बीजेपी और टीएमाह के बीच टकराव किसी से छुपा नहीं है। इतना ही ममता बनर्जी खुलेआम मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करती है।
इसके साथ मोदी पर जमकर निशाना साधती है। वहीं मोदी सरकार के कामकाज को लेकर ममता बनर्जी सवाल उठाती रहती है। इस वजह से ममता भी बीजेपी के निशाने पर रहती है लेकिन उनके एक फैसले से हर कोई हैरान हो गया है और खुद बीजेपी भी ममता से सवाल पूछ रही है। दरअसल उन्होंने रामनवमी के मौके पर पहली बार छुट्टी की घोषणा की है।
इस वजह से बीजेपी अब उनसे सवाल पूछ रही है। इस बार रामनवमी 17 अप्रैल को है लेकिन ममता ने पहले ही छुट्टी की घोषणा कर दी है। इस वजह से बीजेपी ने ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि ये सब चुनावी स्टंट है, ताकि लोकसभा चुनाव में इसका फायदा लिया जा सके।
लोग पूछ रहे हैं क्या चुनावी स्टंट हैं या सचमुच ममता बनर्जी का हृदय परिवर्तन हो गया है। ये पहला मौका होगा जब राज्य में रामनवमी पर में छुट्टी होगी। सरकार के इस कदम पर बीजेपी भले ही सवाल उठा रही हो लेकिन सरकार के लोग इसे अच्छा कदम मान रहे हैं।
छुट्टी होने से उस दिन इमरजेंसी सेवाओं को छोडक़र सभी सरकारी संस्थान बंद रहेंगे। ममता सरकार ने ये ऐलान एक बड़ी रैली में की है और इसे लोकसभा चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। अमित मालवीय सोशल मीडिया पर लिखा है, ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्सा हो जाती थीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल में रामनवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि के चलते किया है. हालांकि बहुत देर हो चुकी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह ऐसा करेंगी? जय श्री राम।
गौरतलब हो कि बंगाल में रामनवमी के दौरान हिंसा खेल खूब देखने को मिलता है और कई इलाकों में गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। इसके साथ ही ममता सरकार अक्सर धार्मिक जुलूस निकालने के लोगों अधिकारों पर अंकुश लगाने की कोशिश करती है। इस वजह से बीजेपी उनको घेरती है लेकिन अब रामनवमी को लेकर उनका ये फैसला काफी अहम माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ममत बनर्जी अपनी इमेज को ठीक करना चाहती है ।