जुबिली न्यूज़ डेस्क
पिछले कुछ दिनों में एकाएक हर्ष फायरिंग की वजह से हादसों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया का है। जहां दीवाली से ठीक पहले दीवाली मनाई गई। लेकिन यहां पटाखे नहीं, बल्कि इसकी जगह जमकर गोलियां चलाई गईं। मौका था बीजपी नेता और मंत्री उपेंद्र तिवारी के करीबी भानु दुबे के बेटे के जन्मदिन का।
इस दौरान बार बालाओं का डांस हुआ और जमकर हर्ष फायरिंग भी। लेकिन जन्मदिन का ये जश्न तब हादसे में बदल गया जब यहां मौजूद बिहार के मशहूर गायक गोलू राजा को हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लग गई। भोजपुरी गायक के घायल होने की ये तस्वीर वायरल हो गई। गोली लगने की लाइव तस्वीरें सामने आई हैं। घायल गायक का इलाज चल रहा है।
यह कोई एक घटना नहीं है और न ही पहला मौका है जब जश्न का माहौल मातम में तब्दील हो गया हो। सच तो यह है कि यह समस्या इतनी गंभीर है कि, गृह मंत्रालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इसके संबंध में सख्त निर्देश दे चुके हैं लेकिन हर्ष फायरिंग की घटनाओं में लगाम नहीं लग पा रही।
शादी, जन्मदिन और अन्य समारोह में आए दिन हर्ष फायरिंग हो रही है, मगर कोई भी इस तरह की घटनाओं से सीख नहीं ले रहा। साथ ही हर्ष फायरिंग रोकने में पुलिस भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, जिसके कारण हर्ष फायरिंग की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। खुशी के मौके पर हो रही हर्ष फायरिंग तमाम नियम कानून के बावजूद भी नहीं रुक पा रही है।
अगर पिछले दो दिनों की बात करें तो हर्ष फायरिंग की चार घटनाएं हो चुकी हैं, वहीं कई मामले तो सामने ही नहीं आ पाते।
बता दें कि 2014 में हाइकोर्ट के आदेश पर प्रमुख सचिव गृह ने हर्ष फायरिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके लगातार फायरिंग की घटनाएं हो रही है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई करने के बाद हर्ष फायरिंग को रोक नहीं पा रही है। तत्कालीन डीजीपी जाविद अहमद ने तो संबंधित थाना प्रभारी को निलंबन के आदेश भी दिए थे।
11 नवंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी एक मामले की सुनवाई करते हुए शादी में हर्ष फायरिंग के दौरान हादसे पर आयोजक को जिम्मेदार ठहराए जाने का आदेश दिया था जबकि गृह मंत्रालय ऐसे मामलों में सजा के साथ जुर्माने और शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव लाया था। लेकिन फिर भी इतने प्रयासों के बावजूद कोई ठोस सुधार होता नहीं दिख रहा। इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं यह भी सोचने की जरुरत है ?
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