Thursday - 11 January 2024 - 7:38 PM

GST मुआवजा : क्या आम आदमी पर भी होगा असर ?

जुबली न्यूज़ डेस्क

GST काउंसिल की बैठक में राज्यों को दिए जाने वाले मुआवजे पर चर्चा हुई है। गुरुवार को हुई GST काउंसिल की बैठक में भी ये मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। GST मुआवजे को लेकर राज्यों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी, जिसमें जीएसटी कंपनसेशन का मुद्दा जोरों से उठाया गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के सामने इस मुश्किल से निकलने के दो रास्ते रखे हैं,और ये राज्यों पर छोड़ा है कि वो कौन सा रास्ता चुनते हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक राज्यों के राजस्व में आई कमी को दूर करने के लिए फिलहाल दो विकल्प हैं, जिसमें रिजर्व बैंक की बड़ी भूमिका होगी।

पहला विकल्प है कि, राज्य अपना पूरा GST मुआवजा जो कि 2।35 लाख करोड़ रुपये होता है, RBI से सलाह मशविरा के बाद बाजार से उठाएं।

वहीं दूसरा विकल्प है कि, रिजर्व बैंक की सलाह से राज्यों को एक विशेष विंडो दिया जाए ताकि वो एक तय ब्याज दर पर 97,000 करोड़ रुपये रकम उधार हासिल ले सकें। इस पैसे को पांच साल बाद वापस किया जा सकता है, क्योंकि तब तक कम्पेनसेशन सेस से राज्यों को काफी फंड मिल चुका होगा।

इन दोनों विकल्पों पर अब राज्यों को 7 दिन के अंदर अपना जवाब देना है। सात दिन के बाद एक फिर एक बैठक होगी। ये दोनों विकल्प सिर्फ इसी साल के लिए होंगे। GST काउंसिल की अगली बैठक अप्रैल 2021 में होगी। तब मौजूदा हालातों की फिर से समीक्षा की जाएगी।

सरकार के पास नहीं हैं पैसे

बता दें कि GST मुआवजे को लेकर केरल, पश्चिम बंगाल, पंजाब ने अपनी नाराजगी जताई और केंद्र से जल्द से जल्द पैसा देने की मांग की। राज्यों ने केंद्र पर उन्हें धोखा देने तक के गंभीर आरोप लगाए हैं। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय के मुताबिक कोरोना की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में GST मुआवजे का अंतर 3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की भरपाई सेस से होगी।

राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने हाल में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया है कि उसके पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं। GST काउंसिल की बैठक के बाद वित्त सचिव ने बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए GST मुआवजे के रूप में 1।65 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जारी किए। इसमें मार्च में 13,806 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की कुल राशि 1।65 लाख करोड़ है, जबकि सेस 95,444 करोड़ था।

आम आदमी पर क्या होगा असर

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया किया कि वित्तीय बाधाओं के कारण राज्यों के लिए ऋण लेना संभव नहीं है। जबकि केंद्र सरकार को कम ब्याज पर कर्ज मिल सकता है। यदि राज्य उच्च ब्याज दरों पर उधार लेते हैं, तो यह उपकर को अनावश्यक रूप से प्रभावित करेगा और अंतिम बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने इस तथ्य की ओर सभी का ध्यान आकृष्ट किया कि यदि राज्य खुले बाजार से ऋण लेने की कोशिश करते हैं, तो आशंका है कि ब्याज दरें बढ़ जाएंगी और ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा।

यह भी पढ़ें : फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने क्या कहा

यह भी पढ़ें : स्वास्थ्य कारणों से जापान के पीएम शिंजो आबे देंगे इस्तीफा

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com