जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी पुलिस ने खुद ही अपने दामन पर दाग लगाए है। अपराधी ही नहीं पुलिस में तैनात पुलिस कर्मी भी पुलिस की साख पर बट्टा लगाने में पीछे नहीं हैं। पिछले 6 माह में शहर में कई ऐसी वारदात हुई, जिसमें न केवल पुलिस की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया बल्कि राजधानी पुलिस की पूरे प्रदेश में किरकिरी भी कराई।
पिछले 6 माह में पुलिस कर्मियों ने लूट, हत्या, डकैती और घूसखोरी जैसे कई अपराध को अंजाम देकर राजधानी पुलिस को शर्मसार किया। यही नहीं चंद पुलिस कर्मियों कि रची हुई साजिश का पर्दाफाश भी राजधानी पुलिस ने ही किया।
आज कई जेल में है तो कई फरारी काट रहे है। लेकिन ये बात भी सच है कि उन साजिशकर्ता पुलिस कर्मियों को उनकी ही पुलिस ने जेल की हवा खिला के ये साबित कर दिया कि गैरों से ज्यादा अपने ही दे रहे पुलिस विभाग को दगा।
Case No. 1
Date – 28 सितंबर 2018
P.S – गोमतीनगर
एप्पल के मैनेजर को मारी थी गोली
गोमतीनगर विस्तार में नाइट ड्यूटी पर तैनात सिपाही प्रशांत और दिलीप ने एप्पल कंपनी के मैनेजर विवेक तिवारी को उनकी महिला मित्र सना के सामने गोली मार दी। पुलिस कर्मियों का कहना था कि उन्होंने चेकिंग के दौरान गाड़ी न रोकने पर गोली मारी जबकि कई दिनों तक चली जांच के बाद पुलिस कर्मी दोषी पाए गए।
वसूली के खेल में उन्होंने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया और गाड़ी न रुकने पर सरकारी पिस्टल से फायरिंग कर दी, जो विवेक तिवारी को जा लगी और उनकी मौत हो गई। इस मामले में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप अभी जेल में हैं।
Case No. 2
Date – 9 मार्च 2019
P.S – गोसाईगंज
ब्लैकमनी बताकर व्यापारी के घर डकैती
गोसाईगंज में दारोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी ने सिपाही प्रदीप तथा मुखबिर मधुकर समेत सात लोगों के साथ ओमेक्स रेजीडेंसी में कोयला व्यवसायी अंकित अग्रहरि के फ्लैट में करोड़ों की ब्लैकमनी के नाम पर छापेमारी कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया।
दारोगा पवन, आशीष के अलावा मधुकर मिश्र व चार अज्ञात के खिलाफ डकैती समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। व्यापारी के घर में 3.38 करोड़ रुपये रखे थे, जिसमें से आरोपितों ने बेड और दीवान में रखे 1.85 करोड़ रुपये लूट लिये।
मामला खुला तो इनकम टैक्स की टीम को बुलाकर बचे 1.53 करोड़ रुपये उनके हवाले कर दिये। इस मामले में दारोगा आशीष, पवन, सिपाही प्रदीप समेत तीनों को निलंबित कर उनकी गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया। तीन पुलिस कर्मी वर्तमान में जेल में हैं।
Case No. 3
Date – 30 मार्च 2019
P.S- हजरतगंज
वसूली में दारोगा और एसपी भी शामिल रहे
बाराबंकी के साइबर सेल प्रभारी अनूप यादव पर एक विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर शंकर गायन ने आरोप लगाया कि दारोगा ने केस की विवेचना के दौरान उनको प्रताड़ित कर 65 लाख रुपये वसूल लिये। साथ ही इसकी शिकायत डीजीपी से की। मामले की प्रारंभिक जांच डीजीपी ने एसटीएफ से कराई।
एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में दारोगा को दोषी ठहराया, जिसके बाद हजरतगंज थाने में दारोगा के खिलाफ केस दर्ज किया गया और मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। आरोपी दारोगा की गिरफ्तारी के साथ बाराबंकी के एसपी डॉ. सतीश कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
Case No. 4
Date – 4 मार्च 2019
P.S – बंथरा
STF भी किसी से कम नहीं
एसटीएफ की कानपुर यूनिट ने विदेशी करेंसी की तस्करी की सूचना पर कानपुर के दलेलपुरवा निवासी सलाउद्दीन को अरेस्ट किया। एसटीएफ के सीओ विजय कुमार, इंस्पेक्टर जैनुद्दीन और सिपाही राकेश उसे बंथरा थाने लेकर आए थे। आरोप है कि अभिरक्षा से एसटीएफ टीम ने उसे भगा दिया। दिल्ली निवासी लुकमान ने उनके ऊपर 34 लाख रुपये विदेशी करेंसी लूटने का आरोप लगाया था।
एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद एसटीएफ टीम ने बरामद रुपये कानपुर में दाखिल कर दिया थे। लुकमान की शिकायत पर मामले की जांच एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी को दी गई। उन्होंने इस मामले की जांच सीओ कृष्णानगर से कराई।
जांच रिपोर्ट में एसटीएफ कानपुर यूनिट के सीओ, इंस्पेक्टर, सिपाही और बंथरा थाने के तत्कालीन एसओ के खिलाफ रिपोर्ट दी। उन लोगों ने एसटीएफ की जगह अपने आप को एटीएस का बताया था, जिसके बाद उनके खिलाफ बंथरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
Case No. 5
Date – 30 मार्च 2019
P.S – हजरतगंज
मालखाने से उड़ाए 10 लाख
हजरतगंज कोतवाली में तैनात मालखाना इंचार्ज हेड मुहर्रिर अशोक कुमार सिंह के खिलाफ इंस्पेक्टर हजरतगंज राधारमण सिंह ने हजरतगंज थाने में मालखाने से 10 लाख रुपये चोरी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसएसपी ने हेड मुहर्रिर को सस्पेंड कर दिया और उसके खिलाफ जांच एसपी पूर्वी एसके रावत को सौंपी है।
पुलिस के अनुसार हेड मुहर्रिर ने कुछ दिन पहले पारा में जमीन खरीदी थी। जमीन की रजिस्ट्री में पैसा कम पड़ने पर उसने मालखाने में रखी एक केस के बरामदगी का 8 लाख रुपये चुरा लिया और उस पैसे से जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। बाद में पुलिस ने हेड मुहर्रिर के घर से चुराई गई दस लाख की रकम उसके घर से बरामद की थी। इस मामले में उसे जेल भेज दिया गया।