जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस सासंद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद सियासी पारा चढ़ गया। जिसके बाद बाद से नेताओं के अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का विवादित बयान ने हलचल मचा दिया है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को दावा किया कि महात्मा गांधी के पास क़ानून की डिग्री तो छोड़िए कोई भी यूनिवर्सिटी डिग्री नहीं थी। उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे लोगों तक को भ्रांति है कि गांधी जी के पास क़ानून की डिग्री थी, लेकिन गांधी जी के पास कोई डिग्री ही नहीं थी।
1892 में जारी एजेंसी की अधिसूचना नंबर -16 में कहा गया है कि बैरिस्टर ऑफ़ लॉ मिस्टर एम. के. गांधी ने काठियावाड़ पॉलिटिकल एजेंसी की अदालतों में प्रैक्टिस की अनुमति मांगी थी और उन्हें इजाज़त दी गई है.हालांकि काठियावाड़ में भी उन्हें क़ानून की प्रैक्टिस में कोई खास सफलता नहीं मिली.
1893 में काठियावाड़ के एक मुस्लिम व्यापारी दादा अब्दुल्ला ने मोहन दास करमचंद गांधी से संपर्क किया. दादा अब्दुल्ला का दक्षिण अफ्रीका में शिपिंग का सफल बिजनेस था. वो चाहते थे कि गांधी वहां जाकर उनके कारोबारी मुकदमे लड़ें.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के उस दावे को खारिज कर दिया है कि जिसमें राष्ट्रपिता के पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री नहीं होने की बात कही गई थी। तुषार गांधी ने ट्वीट किया “एमके गांधी ने दो बार मैट्रिक पास किया।
पहली बार उन्होंने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया, दूसरी बार उन्होंने लंदन में उसके समकक्ष ब्रिटिश मैट्रिकुलेशन की डिग्री ली। उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय से संबद्ध एक लॉ कॉलेज इनर टेम्पल से कानून की डिग्री हासिल की और साथ ही दो डिप्लोमा प्राप्त किए, एक लैटिन में और दूसरा फ्रेंच में।
तुषार गांधी ने लिखा ये ट्वीट जम्मू-कश्मीर के डिप्टी गवर्नर को शिक्षित करने के लिए किए गए हैं। सिन्हा ने गुरुवार को आईटीएम ग्वालियर में डॉ राम मनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान के दौरान बोलते हुए गांधीजी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में बात की थी।
उन्होंने कहा था कि क्या आप जानते हैं कि उनके पास एक भी विश्वविद्यालय की डिग्री या योग्यता नहीं थी। हममें से कई लोग हैं जो सोचते हैं कि महात्मा गांधी के पास कानून की डिग्री थी। नहीं, ऐसा नहीं था। उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी। वह कानून की प्रैक्टिस करने के योग्य थे। उनके पास कानून की डिग्री नहीं थी।
I have dispatched a copy of Bapu’s Autobiography to Rajbhavan Jammu with the hope that if the Deputy Governor can read he will educate himself. pic.twitter.com/YzPjyi8b1f
— Tushar GANDHI Manavta Meri Jaat. (@TusharG) March 24, 2023
सिन्हा की टिप्पणी की निंदा करते हुए तुषार गांधी ने ट्वीट किया, ‘मैंने बापू की आत्मकथा की एक प्रति राजभवन जम्मू को इस उम्मीद के साथ भेजी है ताकि उपराज्यपाल उसे पढ़कर अपना ज्ञानवर्धन कर सकें। हालांकि तुषार गांधी ने ट्वीट करते हुए यह भी कहा, “मैं सहमत हूं, बापू के पास पूरे कानून में डिग्री नहीं थी!”
तुषार गांधी ने यह भी लिखा- कुछ लोग मुझे सुझाव दे रहे हैं कि मैं जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल पर मुकदमा चलाऊं. राष्ट्रपति या राज्यपाल किसी भी कोर्ट के प्रति जवाब देह नहीं हैं. पद की अवधि के दौरान राष्ट्रपति या राज्यपाल के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
मनोज सिन्हा ने कहा था कि महात्मा गांधी के पास लॉ की कोई डिग्री नहीं थी. उन्होंने कहा कुछ लोग प्रतिकार भी करेंगे, लेकिन मैं तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा. उन्होंने कहा था- कौन कहेगा कि गांधी जी शिक्षित-प्रशिक्षित नहीं थे? लेकिन क्या आपको पता है कि उनके पास कोई यूनिवर्सिटी डिग्री या क्वॉलिफिकेशन नहीं थी. उनके पास बस एक हाई-स्कूल डिप्लोमा था. लॉ प्रैक्टिस करने के लिए उन्होंने क्वॉलिफ़ाई किया था, मगर उनके पास कोई लॉ डिग्री नहीं थी. मनोज सिन्हा ने कहा कि सिर्फ डिग्री एजुकेशन नहीं है. महात्मा गांधी के पास केवल हाई स्कूल डिप्लोमा था. उनके पास यूनिवर्सिटी की कोई डिग्री या योग्यता नहीं थी.
हालांकि उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर यह भी कहा कि जितनी चुनौतियां आईं, जितनी परीक्षाएं आईं, उन्होंने सत्य कभी नहीं त्यागा और महात्मा गांधी ने अंतरध्वनि को पहचान लिया. इसका परिणाम हुआ कि राष्ट्रपिता हो गए.