Thursday - 11 January 2024 - 9:15 PM

सपनों की आड़ में बचपन से खिलवाड़

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

नई दिल्ली। पढ़ा-लिखाकर अमीर आदमी बनाने का झांसा देकर दूसरे राज्यों से मासूमों को लाया जा रहा है। उसके बाद उन्हें पांच से 20 हजार रुपये में बेच दिया जाता है। जहां इन्हें बेचा जाता, वहां इनसे कई प्रदेशों में नशीले पदार्थों की तस्करी कराई जा रही है।

हरियाणा बाल संरक्षण आयोग और बाल कल्याण समिति की जांच में अहम जानकारी हाथ लगी है। बाल कल्याण समिति ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जो पुलिस को सौंपी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली का कोई गिरोह इसमें शामिल है और बच्चे झारखंड से लाए जाते हैं।

पुलिस ने जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा किया है। बता दें कि सीडब्ल्यूसी, पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन के पदाधिकारियों ने रोहतक जिले के सेक्टर दो में छापा मारकर झारखंड के किशोर को मुक्त कराया था। पुलिस ने आरोपी इंस्पेक्टर समेत तीन पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने मासूम के परिजनों को सूचना दे दी है, मगर अभी परिजन मासूम को लेने के लिए नहीं पहुंचे हैं।

सूत्रों के अनुसार पढ़ाई और नौकरी का झांसा देकर झारखंड के मासूमों को दिल्ली का एक गिरोह पहले दिल्ली लाता है। इसके बाद मासूमों को पांच से बीस हजार में हरियाणा के रोहतक, पानीपत, सोनीपत, कैथल, फतेहाबाद, भिवानी, झज्जर के अलावा वेस्ट यूपी, राजस्थान और दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर बेच दिया जाता है। जहां पर मासूमों से जबरदस्ती काम कराया जाता है। जानकारी मिली है कि कुछ मासूमों से दिल्ली में नशीले पदार्थों की तस्करी से लेकर बिक्री भी कराई जा रही है।

दो साल में 50 से अधिक मासूमों को चंगुल से छुड़ाया

बाल कल्याण समिति और हरियाणा बाल संरक्षण आयोग के पदाधिकारियों के अनुसार, पिछले दो साल में रोहतक के अलावा अन्य जिलों से दो साल के अंदर 50 से अधिक झारखंड के मासूमों को इस दलदल से निकाल चुका है। इनमें से करीब साठ प्रतिशत को पढ़ाई का झांसा देकर लाया गया था। इस संबंध में पुलिस को भी रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई है।

खरीदकर लाए जाने वाले मासूम यदि किसी भी तरह का कार्य करने से मना करते हैं तो उनकी पिटाई कर दी जाती है। दो-दो दिन तक खाना नहीं दिया जाता है। सेक्टर दो में पकड़े गए मासूम ने भी खाना नहीं देने की शिकायत की थी।

बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए समिति के पदाधिकारी भी जुट गए हैं। पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा। दिल्ली का गिरोह ही पढ़ाई का झांसा देकर झारखंड से बच्चों को लाता है।

डॉ. राज सिंह सांगवान, चेयरमैन, सीडब्ल्यूसी

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