Wednesday - 10 January 2024 - 8:04 PM

फ़िल्मी स्टारों को हमेशा लुभाती रही यूपी की पोलिटिकल स्क्रीन  

प्रीति सिंह

यूपी की सियासत में फिलहाल भोजपुरी फिल्मों के सितारों की चर्चा है।  भोजपुरी फिल्म इंड्रस्ट्री के दो सुपर स्टारों  ने भाजपा का अंगवस्त्र पहन लिया है , और चर्चा ये भी है की ये दोनों सितारे यूपी की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर अपना जौहर दिखाना चाहते हैं।

बतौर गायक अपना सफर शुरू करने के बाद भोजपुरी के जुबिली कुमार बन चुके दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भाजपा ज्वाइन कर ली है और भोजपुरी से शुरू कर मणि रत्नम और श्याम बेनेगल के साथ फिल्में कर चुके रवि किशन के भाजपा ज्वाइन करने में अभी औपचारिकता बाकी है। भोजपुरी सिंगर और सुपरस्टार मनोज तिवारी पहले से ही भाजपा में हैं और संसद होने के साथ साथ दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष भी हैं।

लेकिन ये मामला न तो नया है और न ही सिर्फ भोजपुरी का।  यूपी के सियासी मैदान में समय समय पर साइन सितारों ने अपने चमक बनाने की कोशिश की , इनमे से कुछ ने लम्बी पारी खेली तो कुछने बहुत जल्दी मैदान छोड़ दिया। 

यूपी की राजनीति में भी फिल्मी सितारों का आगमन वैसे ही होता रहा है जैसे थियेटर में फिल्म आती है और कुछ दिन चर्चा में रहने के बाद चली जाती है। कुछ ही फिल्म अभिनेता या अभिनेत्री राजनीति में लंबी पारी खेल पाये हैं। बाकी ने हार का स्वाद चखने के बाद राजनीति से हमेशा के लिए तौबा कर लिया । इस बार भी राजनीति में कई फिल्मी सितारों की एंट्री हो रही है। इनमें से कुछ मैदान में ताल ठोकेंगे तो कुछ प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे।

उत्तर प्रदेश में भी चुनाव के दौरान फिल्मी हस्तियों का जमावड़ा लगता रहा है। यदि इतिहास के पन्नों को पलट कर देखे तो उत्तर भारत में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही सितारों ने चुनाव में अपनी चमक बिखेरी है। उत्तर प्रदेश से फिल्मी हस्तियों के चुनाव लडऩे की लंबी फेहरिस्त है लेकिन उनमें से कुछ गिने-चुने है जो आज भी राजनीति में सक्रिय है।

अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, राज बब्बर, जया प्रदा, संजय दत्त, स्मृति इरानी, नगमा, हेमा मालिनी, जावेद जाफरी, रवि किशन, मनोज तिवारी जैसे कई लोगों ने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाया लेकिन कुछ ही लोग अभी तक राजनीति में सक्रिय है। 

राज बब्बर 

1989 में बीपी सिंह के साथ राज बब्बर सक्रिय राजनीती में उतरे थे। हलाकि चुनावी राजनीती में आने से पहले छात्र राजनीति में भी राज बब्बर ने काफी वक्त दिया था।  हिंदी और पंजाबी फिल्मों के सफल अभिनेता राज बब्बर ने पहले जनता दल फिर समाजवादी पार्टी और फिर कांग्रेस का दामन थामा। राज बब्बर लखनऊ सीट से अटल बिहारी बाजपेयी के खिलाफ उतरे और कांटे की टक्कर में पराजित हुए।  लेकिन राज बब्बर ने मैदान नहीं छोड़ा। वह तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए और दो बार राज्यसभा सदस्य रहे। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष हैं।  2019 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं।

हेमा मालिनी 

बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी साल 2004 से ही राजनीति में सक्रिय हैं। वह जिस तरह फिल्मों में सफल रही है उसी तरह राजनीति में भी सफल है। कहते हैं कि फिल्मी दुनिया से हेमा मालिनी को राजनीति में लाने वाले विनोद खन्ना थे। भाजपा के टिकट पर मथुरा सीट जीतने वाली हेमा मालिनी का अब तक का राजनीतिक करियर बेहद सफल रहा है। वह राज्यसभा में भी जा चुकी हैं। इस बार भी वह बीजेपी के टिकट पर मथुरा से ही भाजपा की प्रत्याशी हैं।

जयाप्रदा 

हिंदी फिल्मों के अलावा तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बंगाली और मराठी फिल्मों में अपने अभिनय से प्रभावित करने वाली अभिनेत्री जयाप्रदा लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है। जया प्रदा 2004 से 2014 तक उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद रहीं हैं। जया प्रदा को अमर सिंह समजवादी पार्टी में ले कर आये थे।  लेकिन जब अमर सिंह और आजम खान  में  अदावत हुई तो जया अमर सिह के साथ ही रही. अमर सिंह ने उन्हे लोकदल के टिकट पर भी लडवया लेकिन जया हार गई . बीते 26 मार्च को जयाप्रदा ने बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी के टिकट पर रामपुर संसदीय क्षेत्र से फिर मैदान में हैं। इस बार वह सपा के आजम खां के खिलाफ मैदान में ताल ठोकेंगी।

अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं लेकिन उन्हें राजनीति रास नहीं आयी। उनकी पत्नी जया बच्चन सपा की सीट से राज्यसभा में सांसद है लेकिन अमिताभ राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव ने लोकसभा चुनाव का मोर्चा संभाला तो बचपन के दोस्त और तब सुपर स्टारडम पा चुके अमिताभ बच्चन को उन्होंने 1984 में इलाहाबाद सीट से उतारा, वह भी विपक्ष के मजबूत नेता हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ।

अमिताभ के मैदान में उतरते ही चुनावी फिजा बदल गई। तब बहुगुणा इस क्षेत्र के दिग्गज नेता थे। मुख्यमंत्री रह चुके थे। उन्हें विकास पुरुष माना जाता था, लेकिन अमिताभ का स्टारडम उन पर भारी पड़ा। अमिताभ ने भारी अंतर से बहुगुणा को पटखनी दी, लेकिन इसके आगे की राह आसान न रही। उन पर राजनीति तब भारी पड़ गई जब बोफोर्स घोटाले में उनके छोटे भाई अजिताभ के साथ उनका नाम भी उछला गया। अमिताभ ने इलाहाबाद से संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने राजनीति को हमेशा के लिए अलविदा ही कह दिया।

नफीसा अली 

फिल्म अभिनेत्री, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व कांग्रेसी नेता नफीसा अली भी लखनऊ से समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2009 में  चुनाव लड़ी थी लेकिन वह हार गई थी। इसके पहले भी वह 2004 में दक्षिण कोलकाता सीट पर ममता बनर्जी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं।

स्मृति ईरानी

मॉडल, टीवी अभिनेत्री और तेलुगू और बंगाली फिल्मों में काम कर चुकीं स्मृति ईरानी ने 2003 में भाजपा की सदस्यता ली। स्मृति अब पूर्ण रूप से राजनीति में सक्रिय हैं। स्मृति इरानी को बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गई थी। हालांकि बाद में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा और केन्द्र में मंत्री बनाया। इस लोकसभा चुनाव में स्मृति एक बार फिर अमेठी से राहुल के खिलाफ मैदान में है।

नगमा

फिल्म अभिनेत्री नगमा राजनीति में काफी लंबे समय से सक्रिय हैं। अप्रैल 2004 के चुनाव के दौरान वह आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की एक प्रमुख स्टार प्रचारक थीं। उन्होंने केवल औपचारिक रूप से उसी महीने हैदराबाद में, कांग्रेस पार्टी की धर्मनिरपेक्षता और गरीब तथा कमजोर वर्गों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को पार्टी में शामिल होने का कारण बताते हुए, सदस्यता ग्रहण की थी। 2014 लोकसभा चुनाव में नगमा कांग्रेस के टिकट पर मेरठ से चुनाव लड़ी थी लेकिन वह भारी मतों से चुनाव हार गई थीं।

जावेद जाफरी 

आम आदमी पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट से जाने माने अभिनेता जावेद जाफरी को अपना उम्मीदवार बनाया था। जावेद लखनऊ से जीत नहीं पाए। जाफरी ने यहां बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह और कांग्रेस की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी को चुनौती दी थी। फिलहाल इस बार उनके चुनाव लडऩे की कोई चर्चा नहीं है।

संजय दत्त

अभिनेता संजय दत्त भी राजनीति में अपना किस्मत आजमा चुके है लेकिन उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। 2009 में संजय ने लखनऊ लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर अपना पर्चा भरा था। उन्होंने चुनाव प्रचार भी शुरु कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संजय के चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी थी। फिलहाल संजय संजय ने राजनीति से किनारा कर लिया है। एक बार फिर चर्चा शुरु हुई थी कि वह चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया है।

मनोज तिवारी 

भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी अब पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय है। 2009 में जब मनोज तिवारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया था तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी। 2009 में सपा के टिकट पर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ में योगी को चुनौती दी थी लेकिन इस चुनाव में इनकी जमानत जब्त हो गई थी। उसके बाद मनोज ने सपा का दामन छोड़ भगवा हो गए और 2014 चुनाव में  दिल्ली से किस्मत आजमाए और विजयी रहे। वर्तमान में वह नार्थ इस्ट दिल्ली से सांसद है और भाजपा के अध्यक्ष हैं।

रवि किशन 

भोजपुरी स्टार रवि किशन जितना फिल्मों में सक्रिय है उतना राजनीति में नहीं है। फिलहाल वह राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़े लेकिन वह चुनाव हार गए। पांच साल तक फिल्मों में सक्रिय रहने के बाद एक बार फिर मैदान में आ गए है। इस आर वह भाजपा का दामन थाम गोरखपुर से मैदान में ताल ठोकेंगे।

 

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