जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब में एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। किसानों ने 6 मई यानी मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। लेकिन इससे पहले ही सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। कई किसान नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी सख्त चेतावनी दी है कि अगर आम लोगों को परेशान किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। कई किसान नेताओं के घरों पर पुलिस ने छापेमारी की है और उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह धरना पिछले किसान आंदोलनों के दौरान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की जब्ती के विरोध में किया जा रहा है।
पुलिस का एक्शन, नेताओं को घर में नजरबंद
प्रदर्शन से पहले ही पंजाब पुलिस ने कड़ा एक्शन लिया। सोमवार तड़के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के फरीदकोट स्थित घर पर पुलिस पहुंच गई और उन्हें नजरबंद कर दिया। खुद डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “सरकार डरी हुई है, मुझे घर में ही कैद कर दिया गया है।”
इसके अलावा किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और अन्य कई नेताओं के घरों पर भी छापेमारी की गई है। किसान संगठनों ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
CM मान ने दी चेतावनी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को प्रदर्शन के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, “पंजाब में किसी भी प्रकार का प्रदर्शन, जो सड़कें रोकने, ट्रेनों को रोकने या आम जनता को परेशान करने के लिए किया जाएगा, वह जनता के खिलाफ माना जाएगा। ऐसी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “विरोध के और भी तरीके हैं, लेकिन सड़कों को जाम करना और व्यापारियों व नागरिकों को परेशान करना गलत है। सभी संगठनों को यह ध्यान रखना चाहिए।”
शंभू थाने के घेराव की तैयारी
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मंगलवार को शंभू पुलिस स्टेशन के बाहर बड़े स्तर पर धरना देने का ऐलान किया है। किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार ने धोखे से आंदोलन को दबाया और उनके नेताओं को हिरासत में लिया। वहीं बॉर्डर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
किसान मोर्चा नेता सुखदेव सिंह भोजराज ने दावा किया कि पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेना और गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है। वहीं किसान संगठनों का कहना है कि वे दबाव में नहीं झुकेंगे और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
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पंजाब में किसान आंदोलन एक बार फिर तूल पकड़ता नजर आ रहा है। अब देखना होगा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव किस दिशा में जाता है।