Thursday - 11 January 2024 - 8:25 AM

कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान

जुबिली न्यूज़ डेस्क

कृषि कानून को लेकर देश के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर करीब 11 दिन से डेरा जमाये हुए हैं। विरोध के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच बीते दिन हुई पांचवे दौर की बैठक भी बेनतीजा निकली। सरकार और किसान अपनी अपनी बात पर अड़े रहे। इसके बाद दोनो पक्षों के बीच एक बार फिर 9 दिसंबर को बैठक होने पर मजूरी बनी है। इससे पहले किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया था।

वहीं, किसानों की मांग को लेकर सरकार लगातार उनसे बातचीत कर आंदोलन खत्म करने के लिए अपील कर रही है। सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश मे लगी हुई है, लेकिन किसान नेता तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

गौरतलब है कि शनिवार को किसान और सरकार के बीच हुई बैठक से पहले सुबह गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। इसके बाद एक और बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल होने पहुंचे। इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर से बैठक हुई।

इसके बाद सरकार और किसान के बीच बातचीत दोपहर 2 बजे से शुरू हुई। बैठक में सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। वहीं, किसानों की ओर से इस बैठक में उनके 40 प्रतिनिधि मौजूद थे।

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान नेताओं के साथ चर्चा का पांचवां दौर खत्म हुआ। अच्छे माहौल में चर्चा हुई. हमने किसान नेताओं से कहा है कि एमएसपी जारी रहेगी। लेकिन फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए तैयार है। एपीएमसी और मजबूत हो, सरकार इसके लिए तैयार है।

सरकार एपीएमसी पर पैदा हुई गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है। हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर सुझाव मिल जाए, लेकिन बातचीत के दौर में ये नहीं हो सका। कृषि मंत्री ने कहा कि अब 9 दिसंबर को वार्ता होगी। सबकी सहमति से अगली बातचीत की तारीख तय की गई।

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किसानों नेताओं की ओर से कहा गया था कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है, किसान के सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि अब बातचीत का आखिरी दिन है। किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। ये रोज-रोज बैठक नहीं होगी। बैठक में कानूनों को रद्द करने के अलावा और कोई बात नहीं होगी।

बैठक के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर दिखे. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं। किसान संगठनों ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार तय करें कि वो क्या चाहती है। किसना नेताओं ने कहा कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं। किसान सरकार से हां या ना में जवाब मांग रहे थे। वे प्ले कार्ड लेकर पहुंचे थे, जिसपर Yes or No लिखा था।

किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के रुख को देखते हुए 8 तारिख को भारत बंद का ऐलान किया है। इसपर कृषि मंत्री ने कहा, ‘मैं इसपर किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, भारत सरकार कई दौर की चर्चा कर चुकी है आगे भी करने के लिए तैयार है। आज बातचीत पूरी नहीं हो पाई इसलिए 9 तारीख को फिर से मीटिंग बुलवाई गई है।

Radio_Prabhat
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