जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में बस अड्डे के पीछे अवैध रूप से रखे विस्फोटक के गोदाम में अचानक विस्फोट हो गया। धमाका इतना भयंकर था कि मकान के साथ आसपास के कई मकान भी दहल गए। जबकि कई मकानों की दीवारों में दरारें पड़ गई।
इस धमाके में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है, वहीं मलबे में कई से दबे होने की सूचना है। खबर लिखे जाने तक इस घटना में किसी के मरने की सूचना नहीं है। धमाके एक स्कूल के कई बच्चे भी घायल होने की बात सामने आयी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक के बाद एक तेज आवाज के साथ कई धमाके हुए। धमाके के बाद पूरा माकन ढह गया और इसकी चपेट में आकर कई राहगीर भी घायल हुए हैं। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अमला घंटों लेट मौके पर पहुंचा।
मौके पर पहुंचे ये नेता और अधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर सांसद कौशल किशोर, जिलाधिकारी, एडीजी जोन, एसएसपी कलानिधि नैथानी कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन से मलबे में दबे लोगों को निकालकर ट्रॉमा में भर्ती कराया है।
सूचना मिलते ही मौके पर एसपी देहात, स्थानीय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए जेसीबी लगाई है। अग्निशमन विभाग की गाड़ी भी मौके पर पहुंची। इस धमाके के पीछे की वजह क्या है ये जाँच का विषय है।
पुलिस जाँच में लगी
घटना के बाद डॉग स्क्वॉड, एटीएस, फिंगर प्रिंट दस्ता, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंचा और जानकारी में जुट गया। चूंकि मोहनलालगंज इलाके में ही पिछले वर्षों भी धमाका हुआ था इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। लेकिन प्रशासन और स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते आये दिन शहर के ग्रामीण इलाकों में ये विस्फोट की घटनाएं हो रही हैं।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
- 1998 – मोहनलालगंज के सिसेंडी कस्बे में विस्फोट से तीन की मौत
- 12 सितंबर 2012- मोहनलालगंज के कनकहा गांव पटाखा निर्माता धुन्नी के घर विस्फोट, सायरा और शबाना की मौत
- 28 सितंबर 2012- पारा में जावेद के गोदाम में विस्फोट रुबीना और शमा की मौत
- 20 सितम्बर 2014- मोहनलालगंज के सिसेंडी गांव में आतिशबाज खलील के घर में विस्फोट 16 की मौत
- 4 जून 2018- काकोरी के सैथ गांव में पटाखा विक्रेता नसीर के घर विस्फोट नसीर, उसकी बेटी नसीर और एक अन्य की मौत