Wednesday - 10 January 2024 - 3:03 AM

अर्थव्यवस्था : नीति आयोग के एक्सपर्ट क्यों बेचैन हैं?

जुबिली न्यूज डेस्क

बदहाल अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार तमाम कोशिश कर रही है। मसलन तालाबंदी खोलने से लेकर अलग-अलग सेवाओं को दोबारा खुलने की छूट देकर डिमांड और सप्लाई में आई दरार दो दोबारा पाटने की कोशिश की जा रही है, पर अर्थव्यवस्था रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है।

इसके अलावा हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिए एक पैकेज भविष्य में फिर लाने की बात कही थी, लेकिन उनका यह ऐलान अब तक जमीन पर नहीं आ पाया है, जिसकी वजह से नीति आयोग जैसे विशेषज्ञ संस्थानों में भी बैचेनी बढ़ रही है।

यह भी पढ़ें : बिहार : तो फिर वर्चुअल ही नहीं एक्चुअल रैली भी होगी

यह भी पढ़ें : …तो फिर ‘लालू प्रसाद यादव’ लड़ रहे हैं चुनाव

केंद्र की ओर से राहत पैकेज की घोषणा में देरी से प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति EAC, मुख्य आर्थिक सलाहकार कार्यालय CEA और नीति आयोग जैसे विशेषज्ञ संस्थानों में चिंता बढ़ गई है।

इन संस्थानों में कई नीति विशेषज्ञ केंद्र सरकार के खर्च से बचने के तरीके से नाराज हैं। खासकर तब जब सरकार में भी इस बात को लेकर सर्वसम्मति है कि अभी या कुछ देर से, लेकिन प्रोत्साहन पैकेज देने से भारत कृषि और श्रम क्षेत्र में हुए बड़े सुधारों का फायदा उठा सकता है।

यह भी पढ़ें : एचआईवी को हराने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति का निधन

यह भी पढ़ें : कितनी महफूज है देश की राजधानी?

यह भी पढ़ें :  दिग्गजों का कद और सियासत की नई दिशा तय करेगा उपचुनाव

बताया गया है कि पीएम मोदी ने जून के अंत से लेकर जुलाई की शुरुआत तक 10 दिनों में कम से कम चार बैठकों में हिस्सा लिया। इनमें EAC, CEA कार्यालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अफसरों की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के सामने प्रेजेंटेशन दिखाई गईं।

इस बैठक में दो बातों पर सहमति बनी थी। पहली ये कि सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर रखने के लिए खर्चों को बढ़ाना चाहिए और दूसरा की वित्त क्षेत्र में सुधारों को जगह देनी चाहिए। वह भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी की बिक्री कर के।

इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल थे। बैठक में मौजूद एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि मीटिंग का लक्ष्य साफ था कि पीएम मोदी अपने कैबिनेट में ही खर्चों को लेकर आम सहमति बना रहे थे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com