Friday - 5 January 2024 - 8:46 PM

किसान आंदोलन के बीच आज देशभर में डॉक्टरों की रहेगी हड़ताल

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन 16वें दिन भी जारी है। इस बीच सरकार के लिए एक और मूसीबत सामने आ गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आज यानी 11 दिसंबर 2020 को देशभर में डॉक्‍टरों की हड़ताल का ऐलान किया है। आईएमए ने आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देने के सरकार के फैसले के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है।

देशव्‍यापी हड़ताल के दौरान सभी गैर-जरूरी और गैर-कोविड सेवाएं बंद रहेंगी। हालांकि, आईसीयू और सीसीयू जैसी इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। हालांकि, पहले से तय ऑपरेशन नहीं किए जाएंगे. आईएमए ने संकेत दिया है कि आने वाले हफ्तों में आंदोलन तेज हो सकता है।

4 lakh defence civilian staff go on strike today

आईएमए की बुलाई हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में ओपीडी तो बंद रहेंगी, लेकिन सरकारी अस्पताल खुले रहेंगे। निजी अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेंगी। देशभर के निजी अस्पतालों ने हड़ताल पर चिंता जताई है।

साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आईएमए ने कहा है कि 11 दिसंबर को सभी डॉक्टर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे। कुछ दिन पहले सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि आयुर्वेद के डॉक्टर भी अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ आंख, कान, गले की सर्जरी कर सकेंगे।

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आईएमए ने कहा है कि सीसीआईएम की अधिसूचना और नीति आयोग की ओर से चार समितियों के गठन से सिर्फ मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा। एसोसिएशन ने अधिसूचना वापस लेने और नीति आयोग की ओर से गठित समितियों को रद्द करने की मांग की है।

Healthcare services hit as doctors pan-India go on strike - The Hindu  BusinessLine

बता दें कि सीसीआईएम ने आयुर्वेद के कुछ खास क्षेत्र के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने का अधिकार दिया है। केंद्र सरकार ने हाल में एक अध्यादेश जारी कर आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी है।

सीसीआईएम ने 20 नवंबर 2020 को जारी अधिसूचना में 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को सूचीबद्ध किया था, जिनमें 19 प्रक्रियाएं आंख, नाक, कान और गले से जुड़ी हैं।

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केंद्र सरकार के आयुर्वेद के डॉक्‍टरों को सर्जरी की मंजूरी देन के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रहा है।

डॉक्टरों के संगठन आईएमए ने तो सरकार के इस फैसले को मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ तक करार दिया है। साथ ही कहा है कि सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले. संगठन ने कहा था कि यह चिकित्सा शिक्षा या प्रैक्टिस का भ्रमित मिश्रण या खिचड़ीकरण है। खासतौर से सरकार के निर्णय को लेकर ऐलोपैथी के डॉक्टरों में काफी नाराजगी है।

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