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‘भारत-पाक के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना अफगानिस्तान के लिए मुश्किल’

न्यूज डेस्क

भारत-पाक संबंधों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का सबसे ज्यादा असर अफगानिस्तान पर पड़ रहा है। अफगानिस्तान को दो पड़ोसियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना उनके देश के लिए मुश्किल हो रहा है।

यह बातें अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति  हामिद करजई ने कही। 16 जनवरी को दिल्ली के रायसीना डायलॉग के एक सत्र में भारत-पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के संबंधों पर उन्होंने कई बातें कही।

करजई ने कहा, ‘हम इसमें क्यों मरें, तालिबान का उनके खुद के देश के खिलाफ संघर्ष में इस्तेमाल क्यों होना चाहिए, अपने ही देश और जनता के खिलाफ इस संघर्ष में हमें क्यों इस्तेमाल होना चाहिए। यह अफगान लोगों की अफगान से संघर्ष की बात नहीं है। यह अफगान लोगों को अफगान से ही लड़ाने की बात है जिसे हमें समाप्त करना होगा।’

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उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत अफगानिस्तान में आगे की दिशा में एक कदम है।

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर पूर्व राष्ट्रपति करजई ने कहा, ‘अफगानिस्तान में अमेरिकी मौजूदगी से बड़ी संख्या में लोग सहमत होते, बशर्ते देश शांतिपूर्ण बने और अफगान लोगों को सम्मानजनक तरीके से रहने का अवसर दिया जाए। साथ ही उनकी राजनीति और संस्थाओं से हस्तक्षेप नहीं किया जाए और उनकी संप्रभुता को आहत नहीं किया जाए।’

उन्होंने कहा कि इन शर्तों को अगर पूरा किया जाता तो अमेरिका को मौजूदगी का अधिकार मिल सकता है लेकिन फैसला अफगान जनता को संस्थाओं के माध्यम से करना होगा।

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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर हामिद करजई ने कहा कि अफगानिस्तान पर उसका असर किसी अन्य देश से बहुत ज्यादा है तथा काबुल को इस्लामाबाद को बताना होगा कि नयी दिल्ली के साथ करीबी संबंधों का उनके रिश्ते पर असर नहीं होगा।

भारत के परिप्रेक्ष्य में पूर्व राष्ट्रपति  ने कहा कि अफगानिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त भारत है। भारत ने अफगानिस्तान में अपार योगदान दिया है, लेकिन अफगानिस्तान पर पाकिस्तान जो प्रभाव डाल सकता है, वह किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है।

पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर हामिद करजई ने कहा, इसके दो पहलू हैं। पाकिस्तान खुली बांहों से शरणार्थियों के तौर पर हमें अपनाते हैं। हम इसके शुक्रगुजार हैं लेकिन दूसरी तरफ आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और सेना से हमारी गंभीर शिकायतें हैं।

पूर्व अफगान राष्ट्रपति करजई ने कहा कि उन्होंने खुद भी अफगानिस्तान में संबंधों को सुधारने में कुछ गलतियां की हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के पाकिस्तान और ईरान सबसे महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं और यह हम पर अमेरिका की मौजूदगी में या उसके बिना गहरा असर डाल सकता है।

करजई ने कहा कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का सबसे ज्यादा असर है। इसलिए, अफगानिस्तान में शांति इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को कैसे बढ़ाते हैं। हम उनके साथ बेहतरीन रिश्ते चाहते हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को हम अपना सर्वश्रेष्ठ दोस्त बनाना चाहते हैं। अफगानिस्तान के लोग भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित हुए हैं, लेकिन हम पाकिस्तान को बताएंगे कि भारत के साथ हमारा रिश्ता हमें पाकिस्तान का सबसे अच्छा भाई और दोस्त बनने से नहीं रोकने वाला। यह संदेश देना बहुत मुश्किल काम है लेकिन हमें यह करना होगा।’

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