Monday - 22 January 2024 - 7:00 PM

कच्ची कॉलोनियों से वोट का पक्का इंतजाम!

न्‍यूज डेस्‍क

‘सौ सोनार की, एक लोहार की’ ये कहावत तो आपने ने सुनी ही होगी। लेकिन दिल्‍ली विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के विधेयक को मंजूरी दे कर इसे चरितार्थ कर दिया है। चुनाव से पहले दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने वोटरों को लुभाने के लिए एक-एक करके कई लोकलुभावन वादे किये और योजनाए लाईं, जिसका उन्‍हें फायदा होता हुआ भी दिख रहा है।

केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को मेट्रो और बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा, महिला सुरक्षा के लिए बस में माशर्ल की नियुक्ति, 200 किलोवॉट तक मुफ्त बिजली और पानी का बिल माफ करने जैसे कई कदम उठाए, लेकिन चुनाव से दो महीने पहले बीजेपी ने अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने का फैसला करके लोगों को बड़ी राहत दे दी और दिल्ली के वोटर्स के लिए एक अहम मुद्दे पर बाजी मार ली।

दरअसल, मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के विधेयक को मंजूरी दे दी गई। अब ये विधेयक संसद के दोनों सदनों में मंजूरी के लिए जाएगा। अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने की मांग कई सालों से उठ रही थी, जिसे पूरा करके बीजेपी ने अपनी पहली सियासी चाल चल दी है, जिसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।

जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपना मास्‍टर स्‍ट्रोक चल दिया है। अब इसका कितना फायदा होगा इस बात का पता तो चुनाव के बाद ही मालूम चलेगा। लेकिन बीजेपी के इस कदम के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल को अपनी रणनीति में बदलाव जरूर करना पड़ेगा।

चुनावी विशेषज्ञों की माने तो मोदी कैबिनेट के इस फैसले से केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव शिक्षा और स्वास्थ्य के मसले पर लड़ना चाह रही है, जिसे लेकर उसने काफी काम किया। वह चाहे सरकारी स्कूलों को मॉर्डन बनाने का काम हो या फिर मोहल्ला क्लिनिक खोलना। आम आदमी पार्टी के नेता इन क्षेत्रों में किए अपने कामों पर ही फोकस करते हैं।

मोदी कैबिनेट ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के विधेयक पर मुहर लगा दी। अब संसद में बिल पास होने के बाद कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। इसके साथ ही सरकार ने दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम की धारा 81 के सभी मामलों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। साथ ही 79 गांवों के शहरीकरण को भी ग्रीन सिग्नल दे दिया गया।

गौरतलब है कि अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के फैसले का असर दिल्ली के 79 गांवों पर पड़ेगा। इनका शहरीकरण होगा और करीब 1700 से अधिक कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी। संसद में विधेयक के पास होने के बाद इन कॉलोनियों में रहने वालों को करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिल जाएगा।

इन कॉलोनियों में दिल्ली का मिडिल व लोअर क्लास तबका रहता है, जो कई सालों से इन कॉलोनियों के रेग्युलराइज होने का इंतजार कर रहा था। माना जा रहा है कि बीजेपी आगामी चुनाव में अपने इस फैसले को जनता के बीच रखेगी और वोट मांगेगी।

दूसरी ओर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बाद पानी की गुणवत्ता को लेकर भी बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है। भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस) की रिपोर्ट में दिल्ली की 11 जगहों से पाइप से आने वाले पानी के नमूने लिए गए जिनमें ज्यादातर नमूने मानकों को पूरा करने में असफल रहे। इस रिपोर्ट के बाद केजरीवाल सरकार पर हमले तेज हो गए।

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर दावा किया है कि फ्री पानी के नाम पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता को जहर पिला रहे हैं। पानी की गुणवत्ता को लेकर अब केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की ओर से अलग अलग टीम बनाई गई है जो पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी।

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