Thursday - 11 January 2024 - 4:53 PM

कई पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने मारा छापा

जुबिली न्यूज डेस्क 

दिल्ली पुलिस ने कई पत्रकारों के घर पर छापा मारा है. पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है. मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक बताया गया है कि जिन लोगों के घरों पर छापे पड़े हैं उनमें उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, ऑनिंद्यो चक्रवर्ती और प्रबीर पुरकायस्थ जैसे पत्रकार शामिल हैं.

बता दे कि कई पत्रकारों ने उनके मोबाइल फोन जब्त होने से पहले खुद ‘एक्स’ पर पुलिस की कार्रवाई की जानकारी दी. इनके अलावा इतिहास के मामलों के जानकार सोहैल हाशमी और हास्य कलाकार संजय राजौरा के घरों पर भी छापे मारे गए हैं.

यूएपीए के तहत नया मामला दर्ज

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने वेबसाइट के खिलाफ यूएपीए के तहत नया मामला दर्ज किया है और इन पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई इसी मामले के तहत की गई है.

पुलिस की कार्रवाई पर देश के लगभग सभी मीडिया संगठनों ने चिंता व्यक्त की है. डिजिपब ने कहा है कि यह सरकार के मनमाने और डराने वाले रवैये का एक और उदाहरण है. फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स के मुताबिक पत्रकारों के मोबाइल और लैपटॉप को बिना कानूनी सुरक्षाओं के जब्त करने से प्रेस की आजादी खतरे में पड़ती है.

न्यूजक्लिक के खिलाफ फरवरी, 2021 में भी ईडी ने छापे मारे थे. वेबसाइट से जुड़े स्थानों पर मारे गए यह छापे पांच दिनों तक चले थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में वेबसाइट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

जानें क्या हैं आरोप

इस एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपये एफडीआई मिली थी, जिसके लिए कंपनी के शेयरों के दामों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया गया था ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26 प्रतिशत एफडीआई की ऊपर सीमा से बचा जा सके.

वेबसाइट का कहना है कि आरबीआई इस निवेश की जांच कर कह चुका है कि इसमें कोई अनियमितता नहीं है. एक अखबार ने 2021 में ही दावा किया था कि एजेंसियों की जांच के दायरे में न्यूजक्लिक को मिली कुल 30 करोड़ रुपयों की फंडिंग है.

ये भी पढ़ें-रोहित का रास आता है लखनऊ इसलिए इंग्लैंड की खैर नहीं

अगस्त 2023 में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने “चीनी प्रोपेगेंडा” फैलाने के लिए कई संगठनों को पैसे दिए थे और इन संगठनों में न्यूजक्लिक भी शामिल है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वेबसाइट के खिलाफ ताजा केस और कार्रवाई इसी मामले से जुड़ी है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि वेबसाइट की फंडिंग से उसके लिए काम कर रहे पत्रकारों का क्या संबंध है. लगभग इन सभी पत्रकारों को विरोध की आवाजों के रूप में भी जाना जाता है.

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा

इन छापों पर भुवनेश्वर में एक पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं. वह नियमों के अनुसार काम करती हैं. इन छापों का औचित्य साबित करने की आवश्यकता नहीं है. अगर किसी ने कुछ भी गलत किया होगा तो निर्धारित नियमों के तहत जांच एजेंसियां उसके खिलाफ जांच और कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com