Monday - 8 January 2024 - 12:15 PM

DDU Gorakhpur: शिक्षकों ने कहा फ़ौरन हटाया जाए कुलपति, 5 प्रस्ताव पारित

लखनऊ। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय शिक्षकों ने कुलपति को हटाने की मांग को लेकर अब आरपार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है। 3 जनवरी दिन सोमवार को शिक्षक संघ ने अपनी आम सभा में प्रस्ताव पारित कर कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान कर दिया।

विश्वविद्यालय के मजिठिया भवन के सभागार में आयोजित बैठक में शिक्षकों ने सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करते हुए महामहिम कुलाधिपति से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए मौजूदा कुलपति को कार्य से विरत करते हुए उनके शिक्षक एवं परिसर विरोधी कृत्यों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की…

खचाखच भरे सभागार में 175 से अधिक उपस्थित शिक्षकों ने सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित करते हुए महामहिम कुलाधिपति से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए मौजूदा कुलपति को कार्य विरत करते हुए उनके शिक्षक एवं परिसर विरोधी कृत्यों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।

शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो उमेश नाथ त्रिपाठी एवं निवर्तमान अध्यक्ष प्रो विनोद कुमार सिंह के आह्वान पर बुलाई गई आम सभा की बैठक में बड़ी संख्या में मौजूद शिक्षको ने सभी प्रस्तावों का मेज़ें थपथपा कर समर्थन किया।

सभा ने मुख्य रूप से 5 प्रस्ताव पारित किए। सभा ने कुलपति द्वारा नियमों , परिनियमों, अधिनियमों की धज्जियां उड़ाने, अपनी सुविधा के लिए वीआईपी कल्चर लादने और निलम्बन, वेतन कटौती और कारण बताओ नोटिसों के आतंक को अविलंब खत्म करने की मांग की।संयोजक प्रो उमेश नाथ त्रिपाठी ने विस्तार से विश्वविद्यालय की मौजूदा दुर्दशा, कुलपति के तानाशाह रवैये और दमनात्मक कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत बताई।

निवर्तमान अध्यक्ष प्रो विनोद सिंह ने बीते दिनों शिक्षकों के लगातार अपमान की भर्त्सना करते हुए अपने संघर्षों और त्यागपत्र का उल्लेख करते हुए आम सभा से आग्रह किया कि उनके त्यागपत्र का संज्ञान लिया जाए ताकि अगली कार्यकारिणी के चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो सके।

सभा ने ध्वनिमत से त्यागपत्र मंजूर करते हुए सर्वसम्मति से प्रो संजय बैजल को चुनाव अधिकारी नामित किया। बैठक में प्रो सुधा यादव ने पत्रावलियों को अनिश्चितकाल तक अनिर्णीत रखने, अतार्किक ढंग से नोटिसों के जरिये मानसिक प्रताड़ना का विस्तार से उल्लेख किया।

प्रो दिग्विजयनाथ मौर्य ने प्रो कमलेश गुप्त के अदम्य साहस की प्रशंसा करते हुए आम सभा की बैठक में नए शिक्षकों की बड़ी संख्या में मौजूदगी पर खुशी जताई। सभा को संबोधित करते हुए फ़ुपरूटा के मुख्यालय सचिव प्रो राजवंत राव ने भी नियमों, परिनियमों के परे मनमाने ढंग से प्रवेश, परीक्षा, सिलेबस के विषय में अतार्किक फैसले लेने को परिसर के इतिहास का एक काला समय बताया।

आम सभा ने तीन दिवंगत शिक्षकों प्रो मानवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो अशोक तिवारी एवं डॉ शरद चन्द्र श्रीवास्तव को श्रध्दांजलि देते हुए मांग की कि इन शिक्षकों के सभी लम्बित देय एक सप्ताह के भीतर भुगतान किया जाए। सभा ने संघर्ष में सहयोग के लिए उप्र आवासीय विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो चित्तरंजन मिश्र, लुआकटा, सुआकटा, लूटा, सूटा एवं माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई ग्रुप), विधान पार्षद श्री ध्रुव कुमार त्रिपाठी एवं पूर्व आचार्यों के प्रति आभार ज्ञापन किया।

प्रस्ताव जो पारित हुए 

  •  विवि में मौजूद कुलपति प्रो राजेश सिंह के शिक्षक एवं परिसर विरोधी कृत्यों की घोर निंदा करते हुए महामहिम कुलाधिपति से अविलम्ब प्रो राजेश सिंह को कार्यविरत करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की जाए।
  •  नियमों, अधिनियमों, परिनियमों की खुलेआम अवहेलना करते हुए प्रो कमलेश गुप्त के निलंबन, सात शिक्षकों की वेतन कटौती के आदेश तथा अब तक निर्गत 65 से अधिक कारन बताओ नॉटिससों को तुरंत वापस लिया जाए।
  •  पठन पाठन और शिक्षकीय गरिमा को तत्काल बहाल किया जाए और कुलपति की निजी सुविधवाले वीआईपी कल्चर खत्म किया जाए।
  •  शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष प्रो विनोद सिंह के इस्तीफे को मंजूर करते हुए नई कार्यकारिणी के चुनाव के लिए सर्वसमत से प्रो संजय बैजल को चुनाव अधिकारी नामित किया गया।
  •  नई कार्यकारिणी के अस्तित्व में आने तक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्षों एवं महामंत्रियों का एक संघर्ष मोर्चा गठित किया गया जो आने वाले दिनों में संघर्ष की रणनीति बनाएगा।
Radio_Prabhat
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