न्यूज डेस्क
कोरोना संकट के बीच सरकार के एक फैसले से विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें उसने गोदामों में मौजूद अतिरिक्त चावल का उपयोग हैंड सैनिटाइजरों की आपूर्ति के लिए जरूरी इथेनॉल बनाने में करने का फैसला किया है।
इस पर राहुल गांधी सरकार पर हमला करते हुए कहा ट्वीट किया और लिखा,
”आख़िर हिंदुस्तान का ग़रीब कब जागेगा? आप भूखे मर रहे हैं और वो आपके हिस्से के चावल से सैनीटाईज़र बनाकर अमीरों के हाथ की सफ़ाई में लगे हैं।”
बता दें कि सरकार की तरफ से बताया गया कि इन चावलों से इथेनॉल का निर्माण किया जाएगा, जिससे सैनिटाइजर की उपलब्धता आसानी से सुनिश्चित हो सकेगी। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
सरकार ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018, जो अतिरिक्त अनाज को इथेनॉल में बदलने की मंजूरी देता है, का हवाला देते हुए कहा कि इसका फैसला पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय जैव-ईंधन समन्वय समिति की बैठक में किया गया।
बयान में कहा गया है, ‘भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास उपलब्ध अतिरिक्त चावल को इथेनॉल में बदलने और उसका उपयोग अल्कोहल आधारित सैनिटाइजरों के निर्माण और पेट्रोल में मिलाने के लिए करने को मंजूरी दी गई है। ‘
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के अनुसार, अगर एक फसल वर्ष में कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमानित मात्रा से ज्यादा खाद्यान्न की आपूर्ति हो तो, यह नीति अनाज की इस अतिरिक्त मात्रा को राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की मंजूरी के आधार पर इथेनॉल में बदलने की मंजूरी देगी।