Thursday - 1 August 2024 - 12:02 AM

‘कांग्रेसियों के लिए हर राजनीतिक मर्ज की दवा थे अहमद पटेल’

जुबिली न्यूज़ डेस्क

कोरोना संक्रमित होने के बाद 71 वर्षीय अहमद पटेल के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। अहमद पटेल का बुधवार तड़के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया।

इस बात की जानकारी उनके बेटे फैजल पटेल ने अपने वेरिफाइड अकाउंट से ट्वीट कर दी है। निधन की जानकारी मिलने के बाद अलग-अलग दलों के नेता अहमद पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। वह लिखते हैं, ‘उन्होंने (अहमद पटेल) कई वर्षों तक जनता की सेवा की। वह अपने तेज दिमाग की वजह से जाने जाते थे। कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने में उनकी अहम भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके बेटे फैजल से बात कर संवेदना व्यक्त की। अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले।’

Senior Congress Leader Ahmed Patel Dies At 71

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मैंने एक सहयोगी को खो दिया है, जिसका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था। उनकी ईमानदारी और समर्पण, कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, हमेशा मदद करने की कोशिश, उदारता… उनमें यह सभी दुर्लभ गुण थे, जो उन्हें दूसरों से अलग करते थे।

सोनिया गांधी ने कहा कि मैंने एक वफादार सहयोगी, एक दोस्त और एक ऐसे कॉमरेड को खो दिया, जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता है। मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करती हूं और मैं उनके शोक संतप्त परिवार के लिए को सांत्वना देती हूं। अहमद पटेल के परिवार के प्रति सहानुभूति और समर्थन की सच्ची भावना प्रदान करती हूं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लिखती हैं, ‘अहमद जी न केवल एक बुद्धिमान और अनुभवी सहकर्मी थे, जिनसे मैंने लगातार सलाह ली। वे ऐसे दोस्त भी थे जो हम सभी के साथ दृढ़ता से, ईमानदारीपूर्वक, अंत तक खड़े रहे। उनकी आत्मा को शांति मिले।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अहमद पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की है। दिग्विजय सिंह लिखते हैं, ‘अहमद पटेल नहीं रहे। एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया। हम दोनों वर्ष 1977 से साथ रहे। वे लोकसभा में पहुंचे और मैं विधानसभा में। हम सभी कांग्रेसियों के लिए वे हर राजनीतिक मर्ज की दवा थे। मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी।’

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दिग्विजय सिंह आगे लिखते हैं, ‘कोई भी कितना ही गुस्सा होकर जाए उनमें यह क्षमता थी कि वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे। मीडिया से दूर, पर कांग्रेस के हर फैसले में शामिल। कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था। कांग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती। अहमद भाई अमर रहें।

अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह लिखते हैं, ‘अहमद भाई बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और कहीं पर भी रहें नमाज पढ़ने से कभी नहीं चूकते थे। आज देव उठनी एकादशी भी है, जिसका सनातन धर्म में बहुत महत्व है। अल्लाह उन्हें जन्नतउल फ़िरदौस में आला मकाम अता फरमाएं। आमीन’

71 साल के अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। अगस्त 2018 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था। पहली बार 1977 में 26 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर अहमद पटेल संसद पहुंचे थे। हमेशा पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले अहमद पटेल कांग्रेस परिवार के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते थे। वे 1993 से राज्यसभा सांसद थे।

अहमद पटेल को राजनीतिक महकमे में कांग्रेस के ‘चाणक्य’ के रूप में माना जाता था। कांग्रेस के तालुका पंचायत अध्यक्ष के पद से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अहमद पटेल आठ बार सांसद रहे। 1977 में इमरजेंसी के गुस्से को मात देकर 26 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर सियासत में मुड़कर नहीं देखा। यही नहीं, गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया और उनके सबसे करीबी बनकर रहे, लेकिन कभी भी मंत्री नहीं बने।

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